घुमक्कड़ की डायरी-27. आओ नीले फूलों के शहर होनोलुलू की सैर करें !
घुमक्कड़ की डायरी-27 आओ नीले फूलों के शहर होलोलुलू की सैर करें ! कल महात्मा गांधी की प्रतिमा का पता चलने पर ,मैने होटल से वहां तक जाने के लिए पदयात्रा करना ज्यादा मुनासिब समझा और समुद्र के किनारे बने रास्ते पर 40 मिनट की यात्रा की । रास्ते में विशाल समुद्रीय तट थे और उनसे कुछ दूरी पर ही सटे खुले बाज़ार। इन सड़कों के समुद्र की तरफ हवाई के विश्व विख्यात खिलाड़ियों और अन्य लोगों की प्रतिमाएं लगी थी । एक मूर्ति ने तो मन ही मोह लिया जिसमें एक बच्चा समुद्र में डॉल्फिन के साथ तैरते हुए दिखाया है जो यहां के मूलनिवासियों के प्रकृति प्रेम को दर्शाता है । दो बार विश्व ओलंपिक में विजयी ड्यूक पोम कहानामोकू की मूर्ति भी बहुत आकर्षक है । सब पर लोग लेई (हवाई के नीले रंग के विशेष फूलों की मोतियों के साथ गूंथी हुई माला ) श्रद्धा पूर्वक अर्पित करते हैं। अपने इन पुष्पमालाओं के प्रति इनका विशेष आकर्षण है । एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय लोगों का यह माला बनाने की निशुल्क ट्रेनिंग भी देते है । ऐसा प्रशिक्षण हमने भी लिया । इस शिविर में लगभग 40 लोगों