आओ होनुलुलू की सैर करें ! घुमकड़ की डायरी-26
"आओ होनुलुलु की सैर करें !"
यह शहर अमेरिकन ट्रेटरी हवाई की राजधानी है । जैसा कि हम जानते है कि अमेरिका हमारे देश भारत से क्षेत्रफल के हिसाब से लगभग पांच गुणा बड़ा देश है जबकि आबादी लगभग इतनी ही गुणा कम। हमें सीएटल से हवाई जहाज से यहां आने में लगभग साढ़े छह घंटे लगे और यहां से जापान अथवा ऑस्ट्रेलिया जाने में भी कमोबेश इतने ही समय लगता है । यह एक बहुत ही खूबसूरत टापू है जो चारो तरफ से प्रशांत महासागर (Pacific Sea) से घिरा है ।
हम यहां कल पहुंच गए थे और लगभग पांच दिन तक एक होटल में रुकेंगे ।
इस नगर का इतिहास लगभग 1300 वर्षों का है यानी जब से जब यहां कबाइली समाज था । आदिवासी लोग रहते थे जिनकी अपनी ही सत्ता थी । समय के साथ साथ यहां राजतंत्र की स्थापना हुई जो सन 1898 तक चली और उसके बाद एक समझौते के बाद अमेरिका ने इस पर अपना कब्ज़ा कर लिया । वैसे सन 1794 में ब्रिटिश कैप्टन विलियम ब्राउन अपने बेड़े को लेकर यहां उतरा था जिस स्थान को आज भी होनुलुलू हार्बर के नाम से जाना जाता है । लगभग 172.2 किलोमीटर यानी कि 68.4 वर्गमील में फैले इस टापू के अंदर भी 7.9 किलोमीटर अभी भी पानी है । पूरा नगर अंदर बाहर सर्वत्र पानी से लबरेज़ है। इसे पूरी दुनियां में सबसे सुदूर पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है ।
इस शहर का पुराना नाम कोऊ (Kou) था जिसे बाद में होनुलुलू अर्थात ढका हुआ शांत बंदरगाह , के नाम से प्रसिद्ध मिली । यह अमेरिकी नेवी स्टाफ का सबसे बड़ा स्थान है जहां इनकी यूनाइटेड स्टेट्स पेसिफिक फ्लीट की तैनाती है ।
वर्तमान में इस शहर की आबादी अंदाज़ा साढ़े तीन लाख है और यह बाहर से अमेरिका आने वाले यात्रियों के पसंदीदा छह बड़े शहरों न्यूयॉर्क सिटी, मियामी, लॉस एंजेलिस, ऑरलैंडो , सान फ्रांसिस्को और कॉस्ट वर्जीनिया के साथ ही सातवां शहर है । सन 2007 से लगभग 76 लाख यात्री प्रतिवर्ष यहां आते है जिनमें से 62 प्रतिशत हवाई जहाज से आते है । यह एक बड़ा बंदरगाह ही नही अपितु विशाल एवम आधुनिकतम एयरपोर्ट भी है ।
द्वितीय विश्व युद्ध की मार को इस नगर ने भी झेला है । सात दिसंबर, 1941 को अचानक ही बिना घोषणा के जापानी फौजों ने इस पर हमला किया और वास्तव में यहीं से शुरुआत थी अमेरिका की युद्ध में दखल की । और हम जानते है कि बाद में जापान, जर्मनी और इटली के खिलाफ सोवियत यूनियन, इंग्लैंड , फ्रांस और अमेरिका का मोर्चा बना और मित्र सेनाओं के मुकाबले में जर्मनी नीत फासिस्ट सेनाओं की शर्मनाक हार हुई । सम्भवत: यह ही अमेरिका की झल्लाहट हो कि विजय के बावजूद भी उसने हिरोशिमा नागासाकी पर एटम बम बरसाए ।
शहर के पूर्वी तट पर waikiki वैकिकी बाज़ार है जिसकी बीच लोगों की चहल पहल से भरपूर गलियों से गुजरता रास्ता समुंद्र की ओर जाता है । ⛵ Sea beach ⛱️ बहुत ही साफ सुथरे और आकर्षक है । इनसे साथ लगते ही छोटे बड़े अनेक स्विमिंग पूल है ,जहां छोटे बड़े हर उम्र के स्त्री- पुरुषों की चहल पहल हर समय बनी रहती है ।
[11/28, 11:03 AM] Ram Mohan Rai: समुद्र तो समुद्र ही है हर तरफ पानी ही पानी जिसका न दिखने वाला असीम छोर पर यहां की खासियत यह भी है कि तट पर ही उत्तर पूर्व में एक पहाड़ नुमा दर्शनीय स्थल है जो इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाता है और दूसरी तरफ कई कई मंजिलों के अनेक होटल जिनके हजारों कमरे अपने में यात्री संजोए है ।
अमेरिका की किसी भी जगह की खासियत यह भी है कि इसके हर छोटे बड़े शहर ,कस्बे और गांव में दुनियां के अनेक देशों के लोगों के दर्शन एक साथ ही हो जाते है और ऐसा यहां भी है पर यहां बहुतायत एशियाई देशों चीन, जापान ,सिंगापुर और कोरियाई लोगों की है । आजकल ऐसा इसलिए भी कि थैंक्सगिविंग की अब छुट्टियां खत्म हो चुकी है और अमेरिकन वापिसी अपने काम पर जा चुके हैं ।
हां, यहां की एक और खासियत है कि लोग स्थानीय रंगबिरंगी ड्रेस को पहन कर गले में फूलों अथवा मोटे मोतियों की माला पहन कर इठलाते हुए निकलते है और औरतें तो सिर पर एक गोल घेरे का गजरा पहनती है ।
हमारे जैसे शाकाहारी लोगों के लिए खाने की कुछ दिक्कत जरूर रहती है पर हम तो घर से ही खूब परांठे , सब्ज़ी और दूसरी चीज़े बना कर लाए है ।
कुछ भारतीय मित्रों का कहना है कि यह शहर हमारे देश के गोवा अथवा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह जैसा है । हो सकता है कि सच हो क्योंकि मैं तो अभी इन स्थानों पर नही गया ।
पर दुनियां भर में घूमकड़ लोगों का कहना है कि आपकी यात्रा का एक बड़ा आयाम होनुलुलू की यात्रा भी है । तो फिर क्या कहें - *जिस लाहौर नही वेख्या, ओ जम्या ही नही* ।
Ram Mohan Rai,
Honolulu, Hawaii-USA .
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