घूमक्कड़ की डायरी -31 Hare Krishna(Iskcon)in the USA.
*अमेरिका में हरे कृष्णा*
सियाटल, वाशिंगटन -अमेरिका में बहुत ही स्नेही तथा प्रतिभावान युवक अमित शर्मा (आदिदेवा दास), हमारे सम्पर्क में संत निरंकारी मिशन के एक सत्संग कार्यक्रम में आये। वे वस्तुत: इस्कॉन ( International Society For Krishna Consciousness) जिसे साधारण भाषा में हरे कृष्णा भी कहते हैं, से जुड़े हैं। वे मूलत: कैथल (हरियाणा ) के हैं और पिछले अनेक वर्षों से यहाँ अपने परिवार सहित रह रहें हैं।
इस्कॉन से मेरा परिचय मेरे मित्र स्व0 शैलेन्द्र शर्मा ने पानीपत में करवाया था। पानीपत में रहते हुए मैंने इनके कई कार्यक्रमों में भाग भी लिया परन्तु मेरे लिए ये मनोरंजन के ही विषय रहे। मेरे एक अन्य मित्र राकेश वर्मा, जो पी डब्लूयु डी, हरियाणा से सुप्रीटेडिंग इंजीनियर के पद से सेवा निवृत होकर अब चंडीगढ़ में रह रहें हैं, के माध्यम से उनके घर- परिवार में जाकर एवं रहकर इस्कॉन के बारे में व्यवहारिक दर्शन करने का मौका मिला. उनकी पत्नी मीना वर्मा जो इस्कॉन की आस्थावान श्रद्धालु है, ने अपने क्रिया कलाप से इस सम्प्रदाय के बारे से परिचित होने का आभास दिलवाया. मीना एक सुघड़ गृहिनी है और उन्होंने अपने पुरे घर को एक मंदिर की भांति स्वच्छ तथा शुद्ध रखा हुआ है। घर में रोज सुबह शाम मृदंग बजा कर संकीर्तन होता है और फिर भोजन प्रसाद।
कुछ ऐसा ही भाव हमें यहाँ अमेरिका में अमित तथा उनकी पत्नी शीतल के घर आ कर हुआ। उनके दो पुत्र आरुषऔर गोपाल हैं। पूरा परिवार सेवा और भक्ति को समर्पित हैं. इन्हीं की प्रेरणा से समामिष , वाशिंगटन में इस्कॉन टेम्पल जाने का भी मौका मिला।
आज भी इनके ही आग्रह पर यूनिवर्सिटी विलेज, सियाटल में इनके द्वारा लगाई गई फ्री वेजटेरियन फ़ूड ट्रक को देखने का मौका मिला। यह ट्रक प्रत्येक सप्ताह के पांच दिन अलग -अलग हिस्सों सार्वजनिक स्थलों पर खड़ा होकर निशुल्क भोजन प्रसाद वितरण करता हैं। अमेरिका जैसे देश में निशुल्क और वह भी खाना, एक अचम्भे की ही बात हैं। पर वहाँ जाने पर पता चला कि इस ट्रक से प्रतिदिन औसत 200 लोग भोजन ग्रहण करते हैं और इसे लेने वालों में हर तरह के लोग हैं। इस शहर में यह एकमेव संस्थान हैं जो जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन वितरित करता हैं।ट्रक में ही गर्म रोटी तैयार हो कर सिकती हैं और फिर मंदिर से ही आई दाल, चावल, सब्ज़ी, हलवा और आयुर्वेदिक गर्मपेय के साथ वितरण की जाती हैं। भोजन के साथ -2 धार्मिक चर्चा और महामंत्र का जाप भी चलता हैं।
सियाटल में इस्कॉन मंदिर जिसे वैदिक सांस्कृतिक केंद्र (Vedic Cultural Center) भी कहा जाता हैं कि स्थापना वर्ष 2007-08 में हुई थी तब से भक्ति, भजन और दर्शन के अतिरिक्त गौशाला और सेवा, गीता ज्ञान और प्रचार का कार्य निरंतर चल रहा हैं. इस्कॉन के संस्थापक सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी वर्ष 1966 के आसपास स्वयं इस शहर में पधारे थे।
अमेरिका में इस संस्थान की स्थापना भी स्वयं स्वामी प्रभुपाद जी के द्वारा सन 1966 में न्यूयॉर्क में हुई थी और अब पुरे देश में 56 टेम्पलस और अनेक शाकाहारी केंद्र हैं। इनके मानने वाले लोगों की संख्या लगभग दस लाख हैं जो यहाँ किसी भी हिन्दू सम्प्रदाय के मानने वालों की सबसे बड़ी संख्या है।
अमेरिका में अनेक भारतीय मूल के धर्म तथा सम्प्रदाय कार्यरत हैं, परन्तु इनमें से लगभग सभी के श्रद्धालु भारतीय अमेरिकी ही है परन्तु इस्कॉन इसका अपवाद है। इसके ज्यादातर भक्त गैर भारतीय विदेशी है और वे ही इसका नेतृत्व भी करते हैं।
धार्मिक स्थलों के चढ़ावे और आमदनी की आय व्यय आज चर्चा में हैं। देखा गया हैं कि इनका कोई हिसाब किताब नहीं होता, परन्तु यह जान कर ख़ुशी हुई कि इस्कॉन प्रति वर्ष अपने आय व्यय का पूरा ब्यौरा अपनी वेब साइट पर सार्वजनिक करता हैं। हर मंदिर कि आमदनी वहीं खर्च होती हैं न कि कहीं भेजी जाती हैं।मंदिर प्रवेश पर भी कोई रोक टोक नहीं हैं और यहाँ तक कि स्थानीय धर्मों के त्योहारों को भी बहुत ही सम्मान पूर्वक मनाया जाता हैं. मसलन क्रिसमस आदि।
प्रतिदिन कि दिनचर्या इस प्रकार रहती हैं
5:30- 5:55 AM – मंगल आरती
5:55 – 6:15 AM – तुलसी -आरती और शिक्षस्तकम प्रार्थना
7:15 AM – गुरु -पूजा
7:30 AM to 8:30 AM श्रीमद भगवतम क्लास
8:30 AM – श्रृंगार आरती
12:00-12:30 PM – राज भोगआरती
6:30 PM to 7:00 PM दर्शन बंद
7:00-7:30 PM – संध्या आरती
7:30 to 8:15 PM – कीर्तन
8:15 PM – शयन आरती
8:45 PM दर्शन बंद
9:00 PM – टेम्पल बंद
इन सभी अवसरों पर गीत संगीत के अद्भुत अलौकिक पल रहते हैं।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक छोटा बड़ा हिन्दू त्यौहार भी श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है, विशेष तौर पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी, रामनवमी, नरसिंह जयंती और जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव।
मैं और मेरा परिवार बेशक़ मूर्ति पूजक नहीं हैं परन्तु भक्ति और ज्ञान के इस आनंद को नकारा नहीं जा सकता।
Ram Mohan Rai,
Seattle, Washington- USA.
09.12.2023
#iskcontemple Iskcon Seattle
Comments
Post a Comment