घुमक्कड़ की डायरी (Switzerland - 4) Brienz Guest house.
घुमक्कड़ की डायरी
(Switzerland-4)
Brienze पहुंचने पर हम एक अतिथिगृह मे पहुचे जिसका संचालन Sara schmidth और उनके सहयोगी Andrei Creanga चलाते हैं. हम अपने देश मे यदि किसी युवा लड़का - लड़की को एक साथ देखते हैं तो हम उनके रिश्ते तलाशना शुरू कर देते हैं जबकि यहां वे मात्र युवक - युवती हैं और उनके आपसी समबन्ध क्या है, इनकी जानकारी लेना कोई अच्छी बात नहीं समझी जाती. ये दोनों मिल कर ही इस अतिथि गृह का संचालन करते हैं. इस गृह की location बहुत ही रमणीय है. मीलों फैली झील का किनारा और उसके उस पर आकाश चूमती पर्वत श्रृंखला. यह झील यहां से लगभग 25-30 किलोमीटर दूर स्थित एक अन्य शहर Interlocken तक फैली है. Interlocken नाम ही इसलिए है कि झील दोनों कस्बों को जोड़ने का काम करती है. इसका प्राकृतिक दृश्य अत्यंत प्रभावित करता था. इसी झील मे पास से ही एक नदी जो एक नाले की तरह सकड़ी थी दूसरी तरफ की पहाड़ों से आकर बहती हुई इसमे समा रहीं थी. इस नाले का पानी इतना पारदर्शी और स्वच्छ था जिसकी कल्पना हम वर्तमान मे अपने देश मे नहीं कर सकते.
इसी झील के किनारे अनेक पर्यटकों ने अपने air बीम लाकर खड़े किए हुए थे और साथ ही अपने तंबू भी गाड़े थे. एयर बीन चार पहियों पर चलने वाले एक ऐसे कमरे को कहा जाता है जिसे लोग अपनी गाड़ी के पीछे कस कर बांधने से, कहीं भी ले जाया जा सकता है. पर्यटन विभाग भी ऐसे साधनों को इंतजाम मुहैया करवाने का बंदोबस्त करता है ताकि इन्हें बिजली, पानी, शौचालय आदि की असुविधा न हो. पश्चिम तथा अमेरिका सहित अनेक देशों में मैंने इसके इस्तेमाल को देखा है. खुद मेरी बेटी सुलभा ने भी इस तरह की एक गाड़ी ली हुई है और वे अपने परिवार सहित घूमते फिरते हैं. इसका मुख्य फायदा यह होता है कि किसी भी जगह होटल आदि की बुकिंग की कोई जरूरत नहीं और खाना बनाने के लिए भी अंदर ही रसोई होती है, जहां अपना मन भाता खाना खाओ और आनंद करो. इस तरह से रेस्तरां में जाने और ज्यादा खर्च से भी बचेंगे. लोग शाम ढलते ही आग जला कर उसके चारों तरफ बैठ कर गीत- संगीत का कार्यक्रम करते हैं और वह भी किसी अन्य कि बिला किसी दखल के.
Sara Schmidt और Andrie के इस अतिथि गृह के रूप मे सभी सुविधाएं उपलब्ध थी. यह कुल तीन मंजिल था और एक basement जहां television सहित मनोरंजन की सभी सुविधाएं उपलब्ध थी. चाय - कॉफी इत्यादि उनके नियत समय पर ही उपलब्ध था परंतु यदि किसी को भी बिना टाइम के तलब हो तो वह basement में जाकर खुद बना सकता था. केतली सहित सभी सामान वहां उपलब्ध थे. जैसे मुझे तो सुबह उठते ही बेड टी की तलब रहती है, बेशक यह अच्छी नहीं है, पर तलब तो तलब है. मैं उठता और वहां जाकर चाय बनाता और मोबाईल मे अपलोड किए गए कई अखबारों को पढ़ते हुए, उसकी चुस्कियों का मज़ा लेता. इसके बाद बाहर निकल कर झील और उसकी चारों तरफ फैली सुन्दरता को निहारता.
इस अतिथि गृह की दूसरी मंजिल पर हमारा रुकने का स्थान था. हम तीनों - मेरी पत्नी, सुपुत्र और मैं उसी में रुके थे. इस कमरे की एक खिड़की, झील की तरफ खुलती थी और उसका फायदा यह था कि जब मन करता वहां पहुंच कर बाहर के विहंगम दृश्यों को निहारते.
हम सुबह का नाश्ता और डिनर यहीं करते. इनमें हमारे पसन्द की अनेक चीज़े होती सिर्फ पराठे, पूरी और सब्ज़ी को छोड़ कर. शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों के लिए तो अनेक खाद्य पदार्थ. सबसे अच्छा cheese और दूध लगता, जो गाय का ही होता. अक्सर हमें गाय के दूध से शिकायत होती है कि यह पतला होता है और चाय तो बिल्कुल ही पनियल बनती है. पर यहां जैसा बिल्कुल सफेद और गाढ़ा दूध हमारी गौ दुग्ध के प्रति भ्रांति को खत्म कर देगा. हमारे मेजबान को पता चल गया था कि हम शाकाहारी भोजन करने वाले हैं तो वे डिनर मे चावल, करी और अनेक प्रकार के सलाद, पनीर आदि देते जिससे गैर शाकाहारी भोजन करने वालों को ईर्ष्या वाज़िब थी.
हम इस अतिथि गृह में चार दिन रहे और इन दिनों मे हमारे मेजबान से हमारे रिश्ते और गहरे से गहरे होते गए. उसका एक कारण यह भी रहा कि वे भारत के बारे मे परिचित थे. उनसे, हमारी विदाई बहुत ही मार्मिक थी. हम उन्हें कुछ भेंट करना चाहते थे और हमारे पास थी अंग्रेज़ी मे लिखी महात्मा गांधी की आत्मकथा. जब हमनें उन्हें यह भेंट की तो प्रसन्नता से वे चहकने लगे और बापू के प्रति अपनी जानकारी को बताने लगे. Sara का कहना था कि उसने अपनी दादी से उनके बारे मे सुना है और उनकी दादी ने बचपन में जर्मन भाषा में अनुदित महात्मा गांधी की आत्मकथा की एक प्रति उन्हें दी थी, जो आज भी उसके पास सुरक्षित है. इन्हीं तमाम तरह की मधुर स्मृतियाँ संजोए हमने उनसे विदा ली. वे उत्सुक रहे गांधी ग्लोबल फॅमिली के बारे मे जानने के और उससे जुड़ने के. वे अपनी छुट्टियों मे भारत आना चाहते हैं और बिताना चाहते हैं अपने कुछ दिन.
Ram Mohan Rai.
Brienze, Switzerland.
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