सुहाना सफ़र - 20(My trip to the Bern, Switzerland - 20)

      आज हम Switzerland की राजधानी Bern में आए है. यह नगर आर (आरे) नदी के तट पर बसा हुआ है और यह अपने में लगभग 800 वर्षों का इतिहास संजोए हुए है. यह नए और पुराने दो हिस्सों में बँटा है. यहीँ स्विस पार्लियामेंट है और संघीय प्रासाद (Federal Palace) भी. यहां की मुख्य भाषा जर्मन है और साधारण लोग एक स्थानीय भाषा को जर्मन उच्चारण में बोलते हैं. इस शहर की कुल जनसंख्या एक लाख तैतीस हजार है और यह स्विटजरलैंड के प्रमुख पांच शहरों में आबादी के हिसाब से आता है. 
   फ्रेंच चर्च जिसका निर्माण लगभग सात सौ वर्ष पूर्व फ्रेंच स्टाइल में किया गया है की पार्किंग में अपनी गाड़ी लगाने के बाद हम इस चर्च की तरफ दर्शनार्थ बढ़े. इसका गुंबद बहुत ही ऊँचा और आकर्षक है जो 13 वीं सदी की स्थापत्य कला का अद्भुत नमुना है. इसके अन्दर बनी चित्रकला और ऊंची ऊंची दीवारों की पूरी ऊंचाई तक बनी पेंटिंग (Murals) बेहद सुन्दर है. बेशक यह catholic चर्च के आधारभूत संस्थापनों के निर्मित है पर बाद में यह न केवल protstant का शरण स्थल बनी वहीं अब यह उनकी ही प्रमुख चर्च है. इसके अन्दर भी Gothic स्टाइल की कलाकारी एवं निर्माण है.
     यहां से निकलकर कुछ आगे बढ़ते ही यहां का मुख्य बाजार है इस सुपर मार्केट में बीच मे एक बहुत ही चौड़ी सड़क की दोनों और बड़ी बड़ी दुकानें हैं,जिन पर सैंकड़ों की संख्या में स्विटजरलैंड और इस जनपद के झंडे लहरा रहे थे. आज इतवार होने की वज़ह से दुकानें तो बंद थी पर देश विदेश के सैलानियों की बड़ी संख्या होने की वज़ह से खूब रौनक थी. बाजार के बीचो बीच कल कल करती नहर जो ढकी हुई थी और जिसके बीच बीच में कुछ खुले स्थल जो भी लोहे के जाल से ढके थे, बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे.
      इसी बाजार में कुछ आगे चल कर बिल्कुल मध्य में एक घंटा घर (Zytgogge) है जिसकी सोने के रंग से सनी सूइयां दूर से ही दिखती है. इस घंटे का निर्माण सन 1191 में हुआ था और तब से यह अपनी शान से खड़ा है.
      इसी clock Tower से ही समूचे देश की घड़ियों के टाइमिंग सेट होते हैं और हर पांच मिनट बाद इसके चारों तरफ़ लोग अपनी अपनी घड़ी के टाइम् सेट करने के लिए इकट्ठे हो जाते हैं. हम भी इसके करीब गए, टाइम सेट किया और कई फ़ोटो खिचाई.
    आर नदी पर बने पुल बहुत ही सुसज्जित और आकर्षक हैं. इसके एक तरफ federal palace है और उसी के साथ संसद भवन और दूसरी सरकारी इमारतें
 पुल से नीचे नदी के दोनों तटों पर रेस्ट्रां और पार्क बने हुए हैं. और कुछ दूर चल कर एक चौराहे पर बर्न म्युजियम है. इसके बाहर लगी अनेक मूर्तियां, इतिहास की अनेक कथाओं का बखान करती हैं.
यहां निर्मित यूनिवर्सिटी तो पूरे विश्व में श्रेष्ठता में 161 वें नम्बर पर है और यहां दुनियां भर के लगभग 20 हज़ार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं. चूंकि यह बर्न जनपद की आर्थिक मदद के सौजन्य से संचालित है अतः इसकी फीस भी अन्य संस्थानों से काफ़ी कम है. प्रमुखत: यहां रिसर्च वर्क ही होता है, जिस तरह हमारे यहां जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली में होता है और उसी तरह सरकारी अनुदान से चलती है, इसलिए सामान्य वर्गों के परिवारों से सम्बन्धित विद्यार्थियो की संख्या ही अधिक है जबकि उच्च धनाढ्य वर्गों के बच्चे प्राइवेट संस्थानों में मोटी रकम देकर प्रवेश पाते हैं.
      वैसे तो इस शहर को देखने और समझने के लिये एक ही दिन काफ़ी नहीं है फिर भी हमने मुख्य- मुख्य स्थानों  को देख कर अगली जगह के लिए प्रस्थान किया.
Krishana Kanta,
Ram Mohan Rai.
Bern, Switzerland.
02.06.2024

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