सुहाना सफ़र 12(My trip to the Switzerland12- Iseltwald )
स्विटजरलैंड के एक ऐसे गांव में हम आज पहुंचे जिसे Iseltwald के नाम से जाना जाता है. बेशक इसमे गिनती के 50 घर होंगे और आबादी लगभग 4,28 अदद. पर यह गांव प्राकृतिक संपदा से समृद्ध था. Brienge झील के एक किनारे बसे इस की छटा ही अवर्णनीय है.
मीलों फैली इस झील की सुन्दरता के साथ इसके भी अद्भुत दर्शन थे. इसके एक तरफ एक विशाल भवन था और उसमें एक रेस्तरां भी और उसके सामने झील के तट पर सैंकड़ों लोग इसके सौंदर्य को निहार रहे थे. फूलों की लम्बी कतार इसकी मोहकता को और बढ़ा रही थी. इसी सरोवर में लकड़ी का एक मंच बनाया गया था जहां लोग अपने फोटो उतरवा रहे थे.
अब हम गांव की तरफ बढ़े तो पाया कि इस छोटे से गांव में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की खूब आवाजाही है. यहाँ शिशुओं के लिए एक क्रेश है और पार्क में बना एक प्ले एरिया भी. यहां एक सामुदायिक केंद्र भी है और छोटा अस्पताल भी और उसके साथ ही एक बड़ी दुकान जहां जरुरतों की सभी चीज़ें आसानी से मिल रही थी.
यहां का एक एक घर की सजावट परम्परागत ढंग से इस तरह से की गई थी मानों हर किसी के उनके प्यारे मेहमान आने वाले हो. पूरा का पूरा गांव पर्यटकों के स्वागत के लिए सजा हुआ लगता था.
इस छोटे से स्थान में हर सहूलियत को पाकर मन अत्यंत प्रसन्न हुआ और महसूस हुआ कि यदि सभी चीज़े हर गांव में ही मिलने लगे तो यहां के लोग इन्हें छोड़ कर अन्य स्थानों पर जाएं ही क्यों?
लौटते हुए गौधुली वेला हो चुकी थी तो पाया कि झुंड के झुंड गायों के चले आ रहे है. गौ पालन और रक्षण यहां का मुख्य व्यवसाय हैं. सुबह वे चारागाह में चली जाती हैं और फिर खूब चर कर घर लौटती हैं.
ऐसे गांव को देख कर मन भाव विभोर हो गया.
Ram Mohan Rai.
Iseltwald, Switzerland.
Very interesting description. Thank you so much.
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