Switzerland to Kashmir-1


पिछले 1 से 6 जून 2024 तक  स्विट्जरलैंड जाने का अवसर मिला । जैसा कि हम सब जानते हैं कि इस धरती को दुनिया का प्राकृतिक स्वर्ग कहा जाता है। इसके चप्पे- चप्पे में  प्रकृति ने खूबसूरती के कई रंग भरे है। नदियाँ, झरने, झीलें, पानी के सरोवर, हरे-भरे जंगल, ऊंची से ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं, बर्फ से ढकी चोटियां और हरी- भरी वादियाँ प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षित करती हैं और मन करता है क्यों नहीं यहीं रह जाएं? जब हम यूरोप में थे और किसी भी इंसान को अपना हिंदुस्तानी होने का परिचय देते थे तो वह खिलखिला कर कहता था स्विट्जरलैंड यूरोप का कश्मीर है । ऐसा सुनकर हमारे मन के संगीत के तार झनझना उठते थे और हमें एक हिंदुस्तानी होने पर गर्व होता था।
         मुझे बचपन से ही घुमक्कड़ी के पर्याप्त अवसर मिले हैं। जब मैं हिमाचल गया तो कहा गया कि यह भारत का स्विट्जरलैंड है और जब मैं कोसानी गया तो उसे भी भारत का स्विट्जरलैंड कहा गया। यानी कि अपने देश में जिस- जिस जगह प्राकृतिक खूबसूरती है उसे भारत का स्विटजरलैंड कहा गया। मुझे याद है कि अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में जब हम Rosenlaui Glacier में थे तो वहाँ एक स्विस दंपत्ती मिले जो भारत में कई बार आए थे। खास तौर से हमारे पर्वतीय क्षेत्रों में। वे गदगद होकर कह रहे थे कि यूरोप में तो एक जगह स्विट्जरलैंड है मगर आपके देश में स्विट्जरलैंड से भी खूबसूरत इलाके हैं। 
          वैसे तो मैं 1993  से जम्मू कश्मीर आ रहा हूँ। एक पर्यटक के रूप में नहीं अपितु एक शांति सैनिक के रूप में। इसी दौरान अनेक जगहों पर जाने का मौका मिला। हम उसकी खूबसूरती को निहारते तो थे लेकिन कुछ कामों में व्यस्त होने के कारण उस जगह जाने का मौका न मिला। परंतु इस बार स्विट्जरलैंड के टूर के दौरान यह विचार रहा कि भारत लौटने पर मैं कश्मीर घूमने के लिए जाऊँगा और कोशिश करूँगा यह जानने कि ऐसी क्या बात है कि लोग स्विट्जरलैंड को तो यूरोप का कश्मीर कहते हैं और कश्मीर को भारत का स्विट्जरलैंड कहते हैं। मुझे यहाँ आने का मौका दिया मेरे दोस्त याक़ूब डार की बेटी शेफाली की शादी के निमंत्रण ने। यह एक ऐसी ईश्वरीय कृपा थी जिसकी मैंने स्विट्जरलैंड रहते ही प्रार्थना की थी और यहाँ आते ही दुआ कबूल हो गई और आज मैं अपनी पत्नी कृष्णा कांता के साथ कश्मीर में हूँ। कश्मीर के बारे में कहा गया है अगर फिरदोस ज़मी बर रूहें अस्त अमी असतो, अमी असतो, अमी असतो । अर्थात्‌  धरती पर अगर कहीं जन्नत है तो यहीं है,  यहीं है, यहीं है।
राम मोहन राय 
01.10.2024

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