उत्कर्ष के दोस्तों का स्वागत

उत्कर्ष के दोस्तों का स्वागत: एक यादगार शाम

आज का दिन हमारे लिए विशेष था, क्योंकि हमारे बेटे उत्कर्ष ने अपने ऑफिस के दोस्तों को अपने घर बुलाया। यह न केवल एक आमंत्रण था, बल्कि एक अवसर था, जिसमें हमें उनके साथ मिलकर एक सुखद अनुभव साझा करने का मौका मिला। उत्कर्ष के साथ आए दोस्तों की संख्या छह थी, जिनमें से. तुर्की की Ozge , ग्रीस के इलियास , इंग्लैंड की Elenor, ब्राजील के मारिया एवं Rapha और नीदरलैंड्स के माइकल थे।

जब हम उनके स्वागत की तैयारी कर रहे थे, तो हमें यह चिंता थी कि वे क्या खाएंगे। भारतीय व्यंजन हमेशा से ही विविधता और स्वाद में समृद्ध होते हैं, इसलिए हमने कुछ खास व्यंजन बनाने का निर्णय लिया। हमने गोलगप्पे, दही बड़े, कचौड़ी, छोले और खीर बनाई। यह सोचकर थोड़ा डर भी लग रहा था कि क्या वे गोलगप्पों के पानी में मिर्च को पसंद करेंगे या नहीं।

लेकिन जब उन्होंने पहला गोलगप्पा ही खाया , तो हमारी चिंता तुरंत दूर हो गई। न केवल उन्होंने गोलगप्पे को पसंद किया, बल्कि वे सबसे पहले इन्हीं का आनंद लेने लगे। उनके चेहरे पर खुशी और उत्साह देखकर हमें बहुत संतोष मिला। इसके बाद, भारतीय खाने की विविधता के बारे में बातचीत शुरू हुई।

बातचीत का विषय धीरे-धीरे महात्मा गांधी की ओर मुड़ गया। सभी दोस्तों ने गांधी जी के विचारों और उनके योगदान की सराहना की। यह सुनकर हमें गर्व महसूस हुआ कि हमारे देश के एक महान नेता ने दुनिया भर में इतनी सकारात्मक छाप छोड़ी है। 

शाम के अंत में, हमने अपने मेहमानों को बापू के चित्र देकर विदाई दी। यह एक छोटा सा उपहार था, लेकिन हमने सोचा कि यह उनके लिए एक यादगार स्मृति बनेगा। 

इस प्रकार, यह शाम न केवल स्वादिष्ट भोजन और बातचीत का अनुभव थी, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों के बीच एक पुल बनाने का भी अवसर था। हमें खुशी है कि हमारे बेटे उत्कर्ष ने अपने दोस्तों को अपने घर बुलाकर हमें इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनाया। यह शाम हमेशा हमारे दिलों में एक खास स्थान बनाएगी।

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