My trip to the Rome - 1, एक अनोखी मुलाकात

रोम की यात्रा: एक अनोखी मुलाकात

फ्लोरेंस स्टेशन पर हमारी यात्रा की शुरुआत हुई। हम रोम जाने के लिए वहाँ पहुंचे और एक आरामदायक सीट पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। स्टेशन की हलचल, यात्रियों की आवाजें, और इटली की खूबसूरत संस्कृति का अनुभव कर रहे थे, तभी हमारे पास एक इटालियन परिवार आकर बैठ गया। 

सहयात्री के रूप में बातचीत

इस परिवार में एक दम्पत्ति और उनकी दो प्यारी बेटियाँ थीं। हमारी बातचीत धीरे-धीरे शुरू हुई, और हमें यह महसूस हुआ कि भाषा की दीवारें कहीं नहीं थीं। वे बेहद दोस्ताना और खुले दिल वाले लोग थे। उनकी छोटी बेटी, जो एक जिम्नास्ट थी, ने अपनी कला का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उसने ट्रेन में अपने कुछ करतब दिखाए, जो सभी को बेहद पसंद आए। 

बड़ी बेटी का उत्साह

जब हम ट्रेन में बैठ गए, तो इत्तेफाक से उनकी बड़ी बेटी हमारे पास आकर बैठ गई। उसने अंग्रेजी में बात करते हुए भारत के बारे में जानकारी लेना शुरू किया। उसकी आँखों में उत्सुकता और असीमित जिज्ञासा थी। उसने हमें बताया कि वह भारत आना चाहती है और वहाँ कुछ समय बिताना चाहती है। 

▎यात्रा की सलाह

उसने हमें एक लिस्ट दी, जिसमें उसने सुझाया कि हमें रोम में रहते हुए किन-किन जगहों पर घूमना चाहिए। यह लिस्ट उसके द्वारा तैयार की गई थी और उसमें रोम की कई प्रसिद्ध जगहों का उल्लेख था। पूरा परिवार इतना प्यार भरा और मासूम था कि उनकी बातें हमारे दिल को छू गईं। 

▎रिश्तों की मिठास

उनकी बातों ने हमें ऐसा महसूस कराया कि जैसे ये दोनों बेटियाँ हमारी नातिनें हों, जो अमेरिका से न होकर यहाँ इटली में हमें मिली हैं। यह एहसास बहुत खास था, और हम सभी के बीच एक अनकही बंधन बन गया। 
इस यात्रा ने हमें यह सिखाया कि दुनिया कितनी छोटी है, और कैसे विभिन्न संस्कृतियों के बीच दोस्ती और प्यार का संबंध बन सकता है। फ्लोरेंस से रोम की यात्रा केवल एक भौतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह एक भावनात्मक यात्रा भी थी, जिसमें हमने न केवल नए स्थानों को देखा, बल्कि नए रिश्तों को भी पाया। यह अनुभव हमेशा हमारे मन में ताजा रहेगा और हमें याद दिलाएगा कि मानवता की भावना हर जगह मौजूद है।
Ram Mohan Rai, 
Rome, 08.06.2024

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