My trip to the Rome - 3(Udham Singh Saini)
उधम सिंह सैनी: एक अद्भुत यात्रा का अनुभव
उधम सिंह सैनी, जिला कुरुक्षेत्र के इस्माईलाबाद के निवासी, पिछले कई वर्षों से रोम के लगभग 80 किलोमीटर दूर एक छोटे से कस्बे में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उनकी पत्नी सुनीता और दो बच्चे, एक लड़का और एक लड़की, उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। जब उन्हें यह पता चला कि हम रोम में आए हुए हैं, तो उन्होंने तुरंत हमें अपने घर आमंत्रित करने का निर्णय लिया।
▎अगवानी का अनूठा अनुभव
अगले दिन सुबह, उधम सिंह जी हमारे अतिथि गृह पर आए। उनकी गर्मजोशी और आत्मीयता ने हमें तुरंत ही अपनेपन का अहसास कराया। उन्होंने हमें अपने कस्बे में ले जाने के लिए तैयार किया, और हम इस नई यात्रा के लिए उत्सुक थे।
कस्बे में पहुँचने पर, उधम सिंह जी ने हमें पास के एक गांव में ले जाने का निर्णय लिया, जहाँ भारतीयों का एक समूह एक बैठक आयोजित कर रहा था। यह बैठक हमारे आगमन की खुशी में थी। वहाँ पहुँचकर, हमने देखा कि सैकड़ों लोग हमारे स्वागत के लिए तैयार खड़े थे।
इस स्वागत समारोह में हमने संबोधन दिया। जब हमने अपने विचार साझा किए, तो वहाँ की भीड़ ने हमें भरपूर प्यार और समर्थन दिया। यह पल हमारे लिए बेहद खास था। भारतीय संस्कृति की इस गरिमा को देखकर हम अभिभूत हो गए। उधम सिंह जी की मेहनत और उनकी कोशिशों ने इस समारोह को और भी खास बना दिया था।
▎समुद्र किनारे की यात्रा
सुविधाजनक कार्यक्रम के बाद, उधम सिंह जी ने हमें पास के समुद्र के किनारे ले जाने का प्रस्ताव रखा। समुद्र की लहरों की आवाज़ सुनते ही हमारे मन में उत्साह भर गया। वहाँ पहुँचकर, उन्होंने हमें समुद्र के पानी में स्नान करने का आनंद भी दिया।
समुद्र की ठंडी लहरों में स्नान करते हुए हमने न केवल ताजगी का अनुभव किया, बल्कि उस दिन की खुशियों को भी संजोया। उधम सिंह जी के साथ बिताया गया यह समय हमारे लिए एक अद्भुत अनुभव था, जो कल्पना से परे था।
▎निष्कर्ष
उधम सिंह सैनी का यह अनुभव न केवल हमारी यात्रा को यादगार बना गया, बल्कि हमें यह भी सिखाया कि सच्चे रिश्ते और मानवता की भावना कहीं भी मिल सकती है। उनका स्वागत, उनकी आत्मीयता और समुद्र किनारे बिताया गया समय हमें हमेशा याद रहेगा। इस यात्रा ने हमें यह एहसास दिलाया कि भले ही हम कितनी दूर हों, लेकिन अपने लोगों का प्यार और समर्थन हमेशा हमारे साथ होता
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