My trip to Vetican - 4
रोम में आते ही हमारा पहला मुकाम ईसाई धर्म के प्रमुख केंद्र वेटिकन में रहा। वेटिकन, जोकि एक स्वतंत्र शहर-राज्य है, न केवल कैथोलिक चर्च का केंद्र है, बल्कि यह विश्वभर में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। यहाँ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता ने इसे एक ऐसा स्थल बना दिया है जहाँ लोग विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने आते हैं।
वेटिकन सिटी का क्षेत्रफल लगभग 44 हेक्टेयर (0.17 वर्ग मील) है और इसकी परिधि लगभग 3.2 किलोमीटर (2 मील) है। यहाँ की वास्तुकला और सुंदरता अद्वितीय है। वेटिकन म्यूजियम में लगभग 70,000 कलाकृतियाँ हैं, जिनमें मूर्तियाँ, पेंटिंग्स और ऐतिहासिक वस्तुएँ शामिल हैं। विशेष रूप से, यहाँ की मूर्तियों की संख्या हजारों में है, जो प्राचीन रोमन, ग्रीक और अन्य संस्कृतियों से संबंधित हैं।
महात्मा गांधी के अनुयायी होने के नाते, हम सर्वधर्म समभाव की विचारधारा को अपनाते हैं। गांधी जी ने हमेशा कहा कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए और हमें एक-दूसरे की आस्था का आदर करना चाहिए। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए संत विनोबा भावे ने "भी" का सिद्धांत प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, दुनिया में दो प्रकार के लोग होते हैं: "ही" वाले और "नहीं" वाले। "ही" वाले वे होते हैं जो अपनी पहचान को ही सर्वोच्च मानते हैं, जैसे कि "मैं हिंदू हूं" या "मैं मुसलमान हूं"। जबकि "नहीं" वाले लोग उन सीमाओं को पार करते हुए कहते हैं कि "मैं न हिंदू हूं, न मुसलमान हूं"।
हम "भी" वाले हैं, यानी हम हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। इस दृष्टिकोण से हम हर धार्मिक स्थल पर जाने में गर्व महसूस करते हैं। मेरी गुरु माँ निर्मला देशपांडे और सुब्बाराव जी ने भी 'जय जगत' का संदेश दिया है,
जोकि सभी मानवता के लिए एकजुटता और भाईचारे का प्रतीक है।
वेटिकन की यात्रा के दौरान, मुझे यहाँ के पवित्र स्थलों की यात्रा कर खुशी हुई। मैं मूर्ति पूजक नहीं हूँ, लेकिन किसी भी पवित्र स्थान पर जाने से मुझे एक अद्वितीय अनुभव मिलता है। चाहे वह हिंदुओं का मंदिर हो, मुसलमानों की दरगाह हो, सिखों का गुरुद्वारा हो या कोई अन्य धार्मिक स्थल, वहाँ जाकर मन में एक शांति और श्रद्धा का अनुभव होता है।
विशेष रूप से वेटिकन के म्यूजियम में जाकर मुझे अत्यंत खुशी हुई, जहाँ महात्मा गाँधी पर एक कलाकृति रखी गई है। इस कलाकृति में पोप गाँधी जी का स्वागत कर रहे हैं। यह दृश्य न केवल गांधी जी के विचारों की वैश्विक स्वीकृति को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे प्रेम, शांति और सहिष्णुता के संदेश को विभिन्न धर्मों द्वारा साझा किया जा सकता है।
वेटिकन में अब तक कुल 266 पोप हुए हैं, जिनमें से वर्तमान पोप फ्रांसिस हैं, जो 13 मार्च 2013 को पोप बने थे।
वेटिकन वास्तव में एक ऐसा स्थल है जहाँ इतिहास, कला और धार्मिकता का अद्भुत संगम होता है। यहाँ की वास्तुकला, संग्रहालय और धार्मिक स्थलों ने इसे एक ऐसा स्थान बना दिया है जहाँ लोग न केवल अपनी आस्था को पुनः जीवित करते हैं, बल्कि मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों को भी समझते हैं। मैंने यहाँ की यात्रा में लगभग तीन घंटे बिताए, जिसमें मैंने विभिन्न कलाकृतियों और स्थलों का अवलोकन किया। इस प्रकार, वेटिकन एक प्रेरणादायक स्थल है, जो हमें सिखाता है कि धर्मों के बीच की दीवारें नहीं, बल्कि एकता और भाईचारे की भावना होनी चाहिए।▎
सेंट पीटर स्क्वायर: रोम का एक ऐतिहासिक और धार्मिक केंद्र
स्थान: सेंट पीटर स्क्वायर, वेटिकन सिटी, रोम, इटली
स्थापना: 17वीं सदी
▎सेंट पीटर स्क्वायर का इतिहास
सेंट पीटर स्क्वायर (Piazza San Pietro) वेटिकन सिटी का एक प्रमुख स्थल है, जो कैथोलिक चर्च के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीकों में से एक है। इस स्थान का निर्माण पोप उर्बन VIII के आदेश पर 1626 में शुरू हुआ और इसे वास्तुकार बरनिनि द्वारा डिज़ाइन किया गया। इसका उद्देश्य एक भव्य और स्वागत योग्य स्थान बनाना था, जहाँ तीर्थयात्री और पर्यटक संत पीटर के बेसिलिका के दर्शन कर सकें।
सेंट पीटर स्क्वायर का निर्माण संत पीटर के बेसिलिका के सामने किया गया था, जो उस स्थान पर स्थित है जहाँ कहा जाता है कि संत पीटर को दफनाया गया था। यह स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह वास्तुकला और कला का एक अद्भुत उदाहरण भी है।
1. संत पीटर बेसिलिका: सेंट पीटर स्क्वायर का सबसे प्रमुख आकर्षण संत पीटर बेसिलिका है। यह चर्च कैथोलिक धर्म का सबसे बड़ा चर्च है और इसकी भव्यता और आंतरिक सजावट इसे विशेष बनाती है। चर्च का डिज़ाइन प्रसिद्ध वास्तुकार माइकलएंजेलो द्वारा किया गया था।
2. बरनिनि की कॉलोनाडा: सेंट पीटर स्क्वायर को चारों ओर से घेरने वाली यह शानदार कॉलोनाडा 284 स्तंभों से बनी है। इसका डिज़ाइन रोम के प्रसिद्ध वास्तुकार गियान लोरेंजो बर्निनी द्वारा किया गया था। यह कॉलोनाडा तीर्थयात्रियों को एक सुरक्षित और स्वागत योग्य वातावरण प्रदान करती है।
3. फव्वारे: स्क्वायर में दो फव्वारे हैं, जिनमें से एक 1613 में बनाया गया था और दूसरा 1675 में। ये फव्वारे न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि यहाँ आने वाले लोगों को ठंडक और ताजगी का अनुभव भी कराते हैं।
4. पोप का बालाॅकनी: सेंट पीटर स्क्वायर का एक और महत्वपूर्ण आकर्षण पोप का बालाॅकनी है, जहाँ पोप आमतौर पर अपने अनुयायियों को आशीर्वाद देते हैं। विशेष अवसरों पर यहाँ हजारों लोग इकट्ठा होते हैं।
▎व्यक्तिगत अनुभव
जब हम सेंट पीटर स्क्वायर पहुंचे, तो वहाँ की भव्यता ने हमें मंत्रमुग्ध कर दिया। चारों ओर विश्वभर से आए तीर्थयात्रियों की भीड़ थी, जो संत पीटर बेसिलिका के दर्शन करने आई थी। हमने स्क्वायर के बीच में खड़े होकर तस्वीरें लीं और वहाँ की अद्भुत वास्तुकला का आनंद लिया। कॉलोनाडा के नीचे चलना और फव्वारों की आवाज़ सुनना एक अद्भुत अनुभव था।
▎निष्कर्ष
सेंट पीटर स्क्वायर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह कला, संस्कृति और इतिहास का एक अद्भुत संगम है। यहाँ की भव्यता, शांति और श्रद्धा इसे रोम के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक बनाती है। यदि आप रोम में हैं, तो सेंट पीटर स्क्वायर की यात्रा अवश्य करें और इसकी अनोखी सुंदरता का अनुभव करें।
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▎सेंट पीटर बेसिलिका: रोम का धार्मिक और ऐतिहासिक चिह्न
स्थान: वेटिकन सिटी, रोम, इटली
स्थापना: 1506 - 1626
▎स्थापना का इतिहास
सेंट पीटर बेसिलिका की स्थापना का इतिहास एक अद्भुत यात्रा है। इसका निर्माण पोप जुलियस II के आदेश पर 18 अप्रैल 1506 को शुरू हुआ। यह चर्च उस स्थान पर बनाया गया है, जहाँ माना जाता है कि संत पीटर, जो कि यीशु के शिष्यों में से एक थे और पहले पोप माने जाते हैं, को दफनाया गया था। संत पीटर की कब्र को एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता था, और नए चर्च का उद्देश्य इस स्थान की धार्मिकता को और बढ़ाना था।
बेसिलिका का डिज़ाइन कई प्रसिद्ध वास्तुकारों द्वारा किया गया, जिसमें माइकलएंजेलो, ब्रैमान्ते, और राफेल शामिल थे। माइकलएंजेलो ने चर्च के गुंबद का डिज़ाइन किया, जो आज भी इसकी पहचान है। निर्माण कार्य 1626 में समाप्त हुआ, और तब से यह कैथोलिक चर्च का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण चर्च बन गया।
▎मुख्य आकर्षण
1. गुंबद: सेंट पीटर बेसिलिका का गुंबद 136 मीटर ऊँचा है और यह रोमन वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। गुंबद के शीर्ष पर एक गोल्डन क्रॉस है, जो इसे और भी भव्य बनाता है। यहाँ से वेटिकन सिटी और रोम का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।
2. पियेटा: चर्च के अंदर माइकलएंजेलो की प्रसिद्ध मूर्ति "पियेटा" स्थित है। यह मूर्ति माता मरियम को अपने मृत पुत्र यीशु को गोद में लिए हुए दर्शाती है। यह कला का एक अनूठा उदाहरण है और इसे देखने के लिए हर साल हजारों लोग आते हैं।
3. इंटीरियर्स: बेसिलिका के अंदर की सजावट अत्यंत भव्य है। यहाँ गोल्डन और संगमरमर के काम के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक चित्रकला भी देखने को मिलती है। आंतरिक दीवारों पर कई प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्र हैं।
4. संत पीटर की कब्र: बेसिलिका के नीचे संत पीटर की कब्र स्थित है, जो तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ पर श्रद्धालु प्रार्थना करते हैं और संत पीटर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
5. पोप का बालाॅकनी: यह स्थान पोप द्वारा सार्वजनिक दर्शनों के लिए उपयोग किया जाता है। यहाँ से पोप अपने अनुयायियों को आशीर्वाद देते हैं, विशेष अवसरों पर हजारों लोग यहाँ इकट्ठा होते हैं।
▎व्यक्तिगत अनुभव
जब हम सेंट पीटर बेसिलिका पहुंचे, तो वहाँ की भव्यता ने हमें मंत्रमुग्ध कर दिया। चारों ओर विश्वभर से आए तीर्थयात्रियों की भीड़ थी, जो इस अद्भुत धार्मिक स्थल के दर्शन करने आई थी। हमने बेसिलिका के अंदर जाकर पियेटा की मूर्ति को देखा, जो वास्तव में एक अद्भुत कृति थी। गुंबद के नीचे खड़े होकर ऊपर देखने पर हमें इसकी वास्तुकला की सुंदरता का एहसास हुआ।
▎निष्कर्ष
सेंट पीटर बेसिलिका केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह कला, संस्कृति और इतिहास का एक अद्भुत संगम है। इसकी भव्यता, शांति और श्रद्धा इसे रोम के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक बनाती है। यदि आप रोम में हैं, तो सेंट पीटर बेसिलिका की यात्रा अवश्य करें और इसकी अनोखी सुंदरता का अनुभव करें।
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