our trip to the land of Rabindranath Tagore. - 1
(Traveling is my destiny)
कोलकाता आने का यह मेरा चौथा अवसर था. इससे पहले दो बार मैं, दीदी निर्मला देशपांडे जी के साथ यहां आया था और सन 2018 में ढाका (बांग्लादेश) जाते हुए यहां दो दिन रुका था. इस बार फिर मुझे बंगाल आने का अवसर मिला है और इस बार सबसे ज्यादा चाहत इस बात की थी कि हम गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन में जाएं और वहां गुरुदेव की चरण रज को अपने माथे पर लगाए. इस शुभ अवसर पर यहां आने का जो अवसर मिला वह मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा.
आज शाम 4:30 बजे हमारी दिल्ली से कोलकाता तक की फ्लाइट थी. इसके लिए हमें पानीपत से चलना था और हम अपनी सहूलियत के अनुसार यहां से 11:00 बजे निकलना चाहते थे, परंतु मेरे सहकर्मी एडवोकेट विदुर, जो कि मेरे प्रिय मित्र बलिंदर सिंह के सुपुत्र हैं तथा जिनके दादा कामरेड रघुवीर सिंह चौधरी के साथ मुझे काम करने का अवसर मिला है, आग्रह था कि उनके द्वारा निर्मित लाइब्रेरी और एक सभागृह जिसका निर्माण उत्तर प्रदेश के एक गांव में किया है, उसके उद्घाटन के कार्य को मैं करूं. उनका यह आग्रह मैं अस्वीकार नहीं कर सका कि अतः अपने आराम और सहूलियत को छोड़ते हुए मैंने एक जद्दोजहद का रास्ता चुना हम पहले गांव में आए और वहां कार्यक्रम में भाग लेकर वहीं से दिल्ली रवाना हो गए. हम चिंतित थे कि कहीं हम देरी के कारण एयर पोर्ट न पहुंच पाए परंतु बहुत अच्छा रहा कि हम समय अनुसार लगभग 2:00 बजे हम पहुंच गए यही से हमारी 4:30 बजे की फ्लाइट थी. इंडिगो की यह फ्लाइट बहुत ही आरामदायक थी और इस फ्लाइट ने अपने निर्धारित समय से लगभग 15 मिनट पहले ही हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट कोलकाता पहुँचा दिया.
एयरपोर्ट पर हमें लेने के लिए हमारे बहुत ही प्रिय साथी विमल शर्मा आए थे. हम दिल्ली से तथा हमारे युवा साथी Archishaman राजू और नंदिता चतुर्वेदी बेंगलुरु से आए थे. हम सभी को अपनी गाड़ी विमल शर्मा होटल् ले आए. ले आए उस स्थान पर जहां हमारे प्रिय मित्र, बंगाल सरकार में पूर्व मंत्री, लोकसभा एवं राज्यसभा के पूर्व सांसद तथा वर्तमान में सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने रोकने की व्यवस्था की थी. यह वह ही होटल था जहां 2018 में भी हमारी व्यवस्था थी. आज पुनः इस स्थान पर आकर बहुत प्रसन्न हुए. हम लोगों ने यहां चाय पी और फिर आसपास घूमने के लिए निकल पड़े. इसी दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पारिवारिक सदस्य सौम्य शंकर बोस का फोन आया कि वे होटल के बाहर खड़े है और हमारी इंतजार कर रहे हैं. हम तुरंत अपने होटल में आए और हमने वहां सौम्य शंकर बोस के साथ गांधी ग्लोबल फैमिली, वेस्ट बंगाल की सहसचिव तीयाशा बिस्वास और सुदीप मंडल को पाया. उनसे बातचीत बहुत ही लाभप्रद रहीं और उन्होंने बंगाल में गांधी ग्लोबल फैमिली के बढ़ते कदमों की पूरी जानकारी दी. अब रात के लगभग 12:00 बजने को हैं. आज पूरा दिन काफी थकावट भरा परंतु ऊर्जावान रहा. अपने इन मेजबानों को विदा कर अब हम आराम करने के लिए अपने रूम में आ गए हैं कल का दिन हमारा कोलकाता में रहेगा और हम कोशिश करेंगे कि बंगाल के प्रसिद्ध रचनात्मक- गांधीवादी कार्यकर्ताओं एवं अन्य सामाजिक विभूतियों से मिल कर और अपना आधार संप्रेषित करें.
Ram Mohan Rai.
Kolkata (West Bengal)
15.03.2025
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