घुमक्कड़ की डायरी-3 /07.04.2025. Almere [Netherlands]

घुमक्कड़ की डायरी. 
अल्मेरे ब्यूटेन की रंगीन दुनिया में एक दिन.

हम एम्सटर्डम से करीब 30 किलोमीटर दूर *अल्मेरे* शहर के उपनगर *अल्मेरे ब्यूटेन* की ओर निकले। यह शहर फ्लेवोलैंड प्रांत का हिस्सा है, जो समुद्र से जीते गए ज़मीन (पोल्डर) पर बसा है। रास्ते भर की खूबसूरती देखते ही बनती थी—चेरी ब्लॉसम के गुलाबी फूलों वाले पेड़, पीले डैफोडिल्स के झुरमुट, और नीले हायसिंथ के झाड़। मानो प्रकृति ने अपने रंगों की पैलेट बिखेर दी हो! हवा में फूलों की मदहोश कर देने वाली खुशबू और ठंडी हवा के झोंकों ने यात्रा को और भी सुहावना बना दिया।

बाज़ार की ओर कदम: सांस्कृतिक मेलजोल की महक  
अल्मेरे ब्यूटेन का मार्केट एक जीवंत और व्यस्त जगह थी, जहाँ दुनिया भर के स्वाद और रंग एक साथ मिलते हैं। बाज़ार के प्रवेश द्वार पर ही *डच पनीर*के स्टॉल नज़र आए—गौडा और एडम की विभिन्न वेराइटीज़, जिनकी खुशबू दूर से ही नाक को चौंका रही थी। वहीं पास में ताज़े स्ट्रॉबेरी और एस्पैरागस के ढेर लगे थे, जो डच खेतों की उपज का प्रमाण थे।  
  इंडियन स्टोर: स्वदेश का स्वाद  
बाज़ार के एक कोने में *"नमस्ते इंडिया"*नाम का एक छोटा सा स्टोर था। अंदर जाते ही मसालों की सुगंध ने भारत की याद ताज़ा कर दी। दालों के पैकेट, मैगी नूडल्स, अचार, और ताज़ा मठरी वहाँ रखी थीं। दुकानदार,  केरल से आई महिला दुकानदार, ने बताया कि यहाँ के भारतीय समुदाय को यह स्टोर "घर जैसा अहसास" दिलाता है। 

# तुर्की की मिठास और डच का सादगीपन :
इंडियन स्टोर के बगल में *तुर्की ग्रॉसरी स्टोर* था, जहाँ जैतून के तेल, बकलावा, और ताज़ी पिटा ब्रेड की भरमार थी। दुकानदार ने हमें मुफ्त में झटपट बनाए गए ब्रेड चखाए, जिन पर दही और पुदीने की चटनी डाली गई थी। वहीं डच स्टॉल्स पर **स्ट्रूपवाफल** (कारमल से भरी वैफल) और हेरिंग मछली के सैंडविच लोगों को आकर्षित कर रहे थे। एक बुजुर्ग डच महिला ने हमें स्थानीय पनीर के साथ हेरिंग चखने की सलाह दी— पर हम उनकेआग्रह को एक कठोर शाकाहारी होने की वजह से स्वीकार नहीं कर सके!
   बाज़ार से निकलकर हमने अल्मेरे ब्यूटेन की आधुनिक वास्तुकला को निहारा। यहाँ की इमारतें समकालीन डिज़ाइन और टिकाऊ तकनीक से बनी हैं, जो नीदरलैंड्स की प्रगतिशील सोच को दर्शाती हैं। बाज़ार के पास ही एक छोटा पार्क था, जहाँ लोग साइकिल पार्क करके पिकनिक मनाते या किताब पढ़ते दिखे। बच्चे चेरी ब्लॉसम के पेड़ों के नीचे खेल रहे थे, और फूलों की पंखुड़ियाँ हवा में झूम रही थीं।  

इस यात्रा का सबसे खास पल था—सांस्कृतिक एकता का अनुभव। एक ही बाज़ार में भारतीय मसालों, तुर्की खाद्यपदार्थ, और डच पनीर का सहज सहअस्तित्व, यही तो यूरोप की खूबसूरती है। जब हम दोपहर बाद घर को  लौटे, तो साथ लेकर आए थे—एक थैली में डच पनीर, तुर्की बकलावा, और भारतीय मसालों की खुशबू... और दिल में अल्मेरे की वो रंग-बिरंगी यादें, जो कभी फीकी नहीं पड़ेंगी।  
  ✍️ अल्मेरे ब्यूटेन की यह यात्रा केवल एक बाज़ार भर नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव थी जहाँ प्रकृति, संस्कृति, और आधुनिकता ने मिलकर एक सुंदर गाथा रची। यहाँ की हर गली और हर चेहरे पर बसती खुशी ने यह एहसास दिलाया कि दुनिया भले ही विविधताओं से भरी है, पर उनके बीच सद्भाव हमेशा संभव है। 🌸🧀🌍
Ram Mohan Rai ,
Almere, Netherlands. 
07.04.2025

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