घुमक्कड़ की डायरी-14. Trip of Hilversum, Netherlands/01.05.2025
नीदरलैंड में हमारी यात्रा को पूरे 30 दिन हो चुके हैं, और हर दिन एक नया अनुभव लेकर आया है। आज का दिन कुछ खास था, क्योंकि मौसम अपेक्षाकृत गर्म था, और हम हल्के कपड़ों में हिल्वरसुम (Hilversum) की सैर के लिए निकले। हिल्वरसुम, नीदरलैंड का एक ऐसा शहर है, जो अपनी मॉडर्न मीडिया संस्कृति, जैसे कि प्रसिद्ध टेलीविजन और रेडियो स्टूडियो, ऐतिहासिक स्थलों, जैसे कि पुराने चर्च और इमारतें, और हरियाली के लिए जाना जाता है। इसे नीदरलैंड की "मीडिया राजधानी" भी कहा जाता है। लेकिन इससे पहले कि मैं हिल्वरसुम की सैर का वृतांत शुरू करूं, घर की एक मजेदार घटना का जिक्र जरूरी है।
सुबह मैंने सोचा कि आज कुछ खास बनाया जाए, तो शाही पनीर बनाने का मन बनाया। सब कुछ अच्छा चल रहा था—मसाले, क्रीम, टमाटर, सब कुछ परफेक्ट। लेकिन तभी एक गलती हो गई! नमक की जगह मैंने चीनी डाल दी। जब गलती का एहसास हुआ, तो जल्दबाजी में नमक भी डाल दिया। नतीजा? शाही पनीर की जगह एक "अजब पनीर" तैयार हो गया, जो न मीठा था, न नमकीन, बल्कि स्वाद में कुछ अनोखा! खैर, हमने हंसते-हंसते उसे खा लिया और हिल्वरसुम की सैर के लिए निकल पड़े।
हिल्वरसुम: एक परिचय:
हिल्वरसुम, उत्तर हॉलैंड के गूई (Gooi) क्षेत्र में स्थित एक खूबसूरत शहर है, जो एम्स्टर्डम से लगभग 24 किमी दक्षिण-पूर्व और युट्रेक्ट से 15 किमी उत्तर में बसा है। यह शहर अपनी हरियाली, वास्तुकला, और सबसे बढ़कर, नीदरलैंड के रेडियो और टेलीविजन प्रसारण के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। 19वीं सदी तक हिल्वरसुम एक छोटा सा कृषि गांव था, लेकिन 1874 में एम्स्टर्डम-अमर्सफोर्ट रेलवे लाइन के बनने से यह तेजी से विकसित हुआ। धनी एम्स्टर्डमवासियों ने यहां की हरियाली और साफ हवा के आकर्षण में बड़े-बड़े विला बनवाए, जिसके कारण इसे "विला गांव" (villadorp) भी कहा जाता है।
हिल्वरसुम की सैर में हमने ज्यादा दूर तक घूमने की हिम्मत नहीं की, क्योंकि गर्मी कुछ ज्यादा ही थी। फिर भी, हम फूड हॉल, ऐतिहासिक चर्च, और मीडिया पार्क देखने में कामयाब रहे। इसके अलावा, स्थानीय बाजारों में भी कुछ समय बिताया। आइए, इन स्थानों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हिल्वरसुम का फूड हॉल शहर के जीवंत खान-पान संस्कृति का एक शानदार उदाहरण है। ये फूड हॉल आमतौर पर शहर के केंद्र में या हिल्वरशोफ (Hilvertshof) जैसे शॉपिंग सेंटरों के आसपास स्थित होते हैं, जहां स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का मेल देखने को मिलता है। यहां आपको ट्रेंडी रेस्तरां, स्थानीय बेकरी, और फूड स्टॉल्स मिलते हैं, जो हर तरह के स्वाद को संतुष्ट करते हैं। लेकिन इस बार फूड हॉल का आकर्षण सिर्फ खाना-पीना तक सीमित नहीं था।
हमें यह देखकर बेहद खुशी हुई कि फूड हॉल में बच्चों के लिए एक बहुत ही आकर्षक खेल और मनोरंजन का मेला भी लगा था। यह मेला बच्चों और परिवारों के लिए एकदम परफेक्ट था। मेले में रंग-बिरंगे झूले थे, जिनमें छोटे-छोटे कार्टून कैरेक्टर वाले झूले से लेकर तेज रफ्तार वाले मिनी राइड्स तक शामिल थे। बच्चे खुशी से चीख रहे थे, और माता-पिता उनके उत्साह को देखकर मुस्कुरा रहे थे। मेले में कई टॉय शॉप्स भी सजी थीं, जहां बच्चों के लिए सॉफ्ट टॉयज, सुपरहीरो फिगर्स, और डच पारंपरिक लकड़ी के खिलौनों की दुकानें थीं।
खाने-पीने की दुकानों ने मेले को और जीवंत बना दिया। वहां ताजा वाफल्स, चुरोस, और डच पैनकेक्स (poffertjes) की खुशबू हवा में तैर रही थी। बच्चों के लिए कॉटन कैंडी और आइसक्रीम के स्टॉल्स खास आकर्षण थे। मेले का माहौल इतना उत्साहपूर्ण था कि बड़े-बुजुर्ग भी बच्चों की तरह मजे ले रहे थे।
हमने फूड हॉल में कुछ और समय बिताया और स्थानीय व्यंजन "गूईशे कोएक" (Gooische Koek) का स्वाद लिया, जो गूई क्षेत्र की एक पारंपरिक मिठाई है। यह एक हल्का, मसालेदार केक है, जो कॉफी के साथ बेहद स्वादिष्ट लगता है। इसके अलावा, फूड हॉल में वियतनामी, इटैलियन, और डच व्यंजनों के स्टॉल्स थे। हमने वियतनामी रेस्तरां "निन्ह बिन्ह" में फो (Pho) का आनंद लिया, जो ताजा जड़ी-बूटियों और हल्के शोरबे के साथ परोसा गया। यह रेस्तरां अपनी 95% ग्लूटेन-मुक्त मेन्यू के लिए भी जाना जाता है।
इतिहास और महत्व: हिल्वरसुम की क्यूलिनरी संस्कृति हाल के दशकों में काफी विकसित हुई है। पहले यह शहर मुख्य रूप से अपनी टेक्सटाइल और टेपेस्ट्री इंडस्ट्री के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यह एक मॉडर्न, कॉस्मोपॉलिटन शहर है, जहां खान-पान के शौकीनों के लिए ढेर सारे विकल्प हैं। फूड हॉल्स और रेस्तरां न केवल स्थानीय लोगों को आकर्षित करते हैं, बल्कि पर्यटकों और मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े पेशेवरों को भी लुभाते हैं। बच्चों के लिए मेले जैसे आयोजन हिल्वरसुम की पारिवारिक संस्कृति को दर्शाते हैं, जहां हर उम्र के लोग एक साथ आनंद ले सकते हैं। गर्मियों में यहां फूड फेस्टिवल "ट्रेक" (Food Festival Trek) और बच्चों के लिए विशेष मेले आयोजित होते हैं, जो शहर को और जीवंत बनाते हैं।
2. ऐतिहासिक चर्च: सेंट विटस चर्च
हिल्वरसुम में हमने सेंट विटस चर्च (St. Vitus Church) का दौरा किया, जो शहर का एक प्रमुख ऐतिहासिक और वास्तुशिल्प स्थल है। यह एक विशाल नियो-गॉथिक कैथोलिक चर्च है, जिसे 19वीं सदी के अंत में मशहूर डच आर्किटेक्ट पियरे क्यूपर्स (P.J.H. Cuypers) ने डिजाइन किया था। चर्च की नियो-गॉथिक शैली इसकी ऊंची, नुकीली मेहराबों, रंगीन कांच की खिड़कियों, और भव्य टावर में साफ झलकती है। टावर शहर का एक प्रमुख लैंडमार्क है, खासकर जब सूरज की रोशनी उस पर पड़ती है।
हमने चर्च के अंदर का दौरा किया, जहां इसकी शानदार ध्वनिकी (acoustics) ने हमें प्रभावित किया। हमें बताया गया कि यहां अक्सर ऑर्गन कॉन्सर्ट्स आयोजित होते हैं, और कुछ साल पहले यहां मसीहा (Messiah) जैसे संगीतमय आयोजनों का भी हिस्सा रहा है। चर्च का शांत और आध्यात्मिक माहौल गर्मी की भागदौड़ और मेले की चहल-पहल के बाद एक सुकून भरा ठहराव प्रदान करता है।
इतिहास और महत्: सेंट विटस चर्च 1892 में बनकर तैयार हुआ और यह हिल्वरसुम की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह चर्च उस समय बनाया गया जब हिल्वरसुम तेजी से एक समृद्ध शहर के रूप में उभर रहा था, और धनी निवासियों ने इस तरह के भव्य ढांचों के निर्माण में योगदान दिया। चर्च का टावर न केवल शहर का एक दृश्यमान प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र भी रहा है, जहां संगीत और धार्मिक आयोजन नियमित रूप से होते हैं। यह चर्च उन पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है, जो डच वास्तुकला और इतिहास में रुचि रखते हैं।
3. मीडिया पार्क: नीदरलैंड की मीडिया राजधानी
हिल्वरसुम का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका मीडिया पार्क, जो नीदरलैंड के रेडियो और टेलीविजन प्रसारण का केंद्र है। यह एक विशाल परिसर है, जहां बीएनएनवारा (BNNVARA), टाल्पा (Talpa), और आरटीएल (RTL) जैसे प्रमुख प्रसारकों के स्टूडियो स्थित हैं। यहां कई मशहूर टीवी शो जैसे "बिग ब्रदर", "द वॉयस", और "ज़िगो स्पोर्ट्स" का निर्माण होता है। हमने मीडिया पार्क में "नीदरलैंड इंस्टीट्यूट फॉर साउंड एंड विजन" (Beeld en Geluid) का दौरा किया, जो एक इंटरैक्टिव म्यूजियम है और डच मीडिया इतिहास का खजाना है।
म्यूजियम में हमने डच रेडियो, टीवी, और डिजिटल मीडिया के विकास को करीब से देखा। इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां बेहद मजेदार थीं—हमने खुद का न्यूज बुलेटिन बनाया, एक इन्फ्लुएंसर की तरह वीडियो शूट किया, और पुराने रेडियो प्रसारणों को सुना। बच्चों और बड़ों, दोनों के लिए यह जगह बेहद आकर्षक है, और फूड हॉल के मेले के बाद यह बच्चों के लिए भी एक मजेदार अनुभव था। म्यूजियम का बाहरी हिस्सा भी देखने लायक है, जिसे रंगीन कांच के पैनल्स से सजाया गया है।
हमने "हिलीवुड टूर्स" के बारे में भी सुना, जो मीडिया पार्क के स्टूडियो और सेट्स का गाइडेड टूर करवाता है, लेकिन गर्मी की वजह से हमने इसे अगली बार के लिए टाल दिया। मीडिया पार्क में "हब बीचक्लब" नाम की एक जगह भी है, जहां समुद्र तट जैसा माहौल बनाया गया है। वहां कॉफी और कुछ स्नैक्स लेते हुए हमने पार्क का माहौल और उसकी हलचल को महसूस किया।
इतिहास और महत्व: हिल्वरसुम का मीडिया इतिहास 1920 के दशक से शुरू होता है, जब वारा (VARA) जैसे प्रसारकों ने एम्स्टर्डम से हिल्वरसुम में अपने स्टूडियो स्थापित किए। इसकी वजह थी शहर की केंद्रीय स्थिति, सस्ती जमीन, और नीदरलैंड्स सेंटोएस्टेलन फैब्रिक (NSF) की मौजूदगी, जो उस समय देश का सबसे बड़ा रेडियो निर्माता था। 1960 और 70 के दशक में मीडिया पार्क का निर्माण हुआ, जिसे शुरू में "रेडियो सिटी" के नाम से जाना जाता था। आज यह नीदरलैंड के पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम का मुख्यालय है और कई निजी टीवी प्रोडक्शन कंपनियों का घर भी है।
मीडिया पार्क का महत्व केवल तकनीकी और व्यावसायिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी है। यह नीदरलैंड के मीडिया इतिहास को संरक्षित करने और उसे जनता तक पहुंचाने का केंद्र है। 2024 में, नीदरलैंड इंस्टीट्यूट फॉर साउंड एंड विजन को हिल्वरसुम के गोल्डन बुक में शामिल किया गया, जो शहर के लिए इसके महत्व को दर्शाता है। हालांकि, यह जगह 2002 में पिम फोर्टुइन की हत्या और 2015 में एक बंदूकधारी घटना के कारण भी चर्चा में रही थी।
स्थानीय बाजार: हिल्वरसुम का जीवंत केंद्र
मीडिया पार्क के बाद हम हिल्वरसुम के स्थानीय बाजारों में घूमे, जो शहर के केंद्र में हिल्वरशोफ और लीउवेनस्ट्राट (Leeuwenstraat) जैसे क्षेत्रों में फैले हैं। ये बाजार "विंटेज डिस्ट्रिक्ट" के नाम से भी जाने जाते हैं, जहां आपको सेकंड-हैंड रिकॉर्ड्स, कपड़े, और फर्नीचर से लेकर डिजाइनर बुटीक और डेलीकेटेसन स्टोर्स तक सब कुछ मिलता है। मेले के बाद बाजार का माहौल और भी रंगीन लगा, क्योंकि वहां भी कुछ स्टॉल्स बच्चों के लिए खिलौने और मिठाइयां बेच रहे थे।
इतिहास और महत्व: हिल्वरसुम के बाजार शहर के आर्थिक और सामाजिक जीवन का केंद्र रहे हैं। 17वीं सदी में जब शहर में नहरें बनाई गईं, तब से व्यापार और वाणिज्य ने यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। आज ये बाजार न केवल खरीदारी के लिए, बल्कि सामाजिक मेलजोल और स्थानीय संस्कृति को अनुभव करने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। गर्मियों में यहां हिल्वरसुम अलाइव (Hilversum Alive) और गूईश जैज़ फेस्टिवल जैसे आयोजन बाजारों को और जीवंत बना देते हैं। मेले जैसे आयोजन इन बाजारों को और आकर्षक बनाते हैं, खासकर परिवारों के लिए।
हिल्वरसुम का जादू:
हिल्वरसुम की यह छोटी सी सैर हमारे लिए एक यादगार अनुभव थी। फूड हॉल में बच्चों के मेले ने यात्रा को और मजेदार बना दिया, जहां झूलों, खिलौनों, और स्वादिष्ट मिठाइयों ने बच्चों के साथ-साथ बड़ों का भी मन मोह लिया। सेंट विटस चर्च का शांत माहौल, मीडिया पार्क की आधुनिक चमक, और स्थानीय बाजारों की जीवंतता ने शहर की विविधता को करीब से महसूस करने का मौका दिया। हिल्वरसुम एक ऐसा शहर है, जो परंपरा और आधुनिकता का अनोखा मेल प्रस्तुत करता है। अगली बार हम यहां की वास्तुकला, खासकर विलेम डुडोक के राधुइस (Town Hall), और गूई नेचर रिजर्व की सैर जरूर करेंगे।
और हां, अगली बार शाही पनीर बनाते वक्त मैं नमक और चीनी का ध्यान रखूंगा! 😄
Ram Mohan Rai,
Hilversum, Netherlands.
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