घुमक्कड़ की डायरी-20. Amersfoort, Netherlands/12.05.2025

घुमक्कड़ की डायरी-20 (Amersfoort की एक यादगार सैर)
   आज का दिन फिर से घुमक्कड़ी के नाम रहा। मेरी हमसफर, मेरी प्यारी पत्नी कृष्णा कांता के साथ मैंने नीदरलैंड के खूबसूरत शहर Amersfoort की सैर की। सुबह की हल्की धूप और उत्साह भरे मन के साथ हम घर से निकले। नीदरलैंड की पब्लिक ट्रांसपोर्ट की समयबद्धता हमेशा मुझे हैरान करती है। ठीक समय पर बस पकड़ी, फिर स्टेशन से Weesp की ट्रेन ली, और वहाँ से एक और ट्रेन बदलकर Amersfoort पहुँचे। यहाँ की ट्रेनों में मुफ्त वाई-फाई और आरामदायक सीटें हर बार यात्रा को और सुखद बनाती हैं। गर्मी का दिन था, लेकिन घुमक्कड़ का जोश मौसम की परवाह कहाँ करता है?
Amersfoort, Eem नदी के किनारे बसा यह शहर, मध्यकालीन आकर्षण का खजाना है। इसका नाम “Amer (Eem नदी) के किनारे का फोर्ड” से आया है, जहाँ पुराने जमाने में लोग नदी पार करते थे। 12वीं शताब्दी में एक किलेबंद बस्ती के रूप में स्थापित यह शहर आज भी अपने इतिहास को गलियों और इमारतों में संजोए हुए है। जैसे ही हम स्टेशन से निकलकर शहर के पुराने हिस्से में पहुँचे, समय मानो सैकड़ों साल पीछे चला गया।
   हमारी पहली मंजिल थी Koppelpoort, 1400 ई. के आसपास बना एक शानदार जल-द्वार। यह न सिर्फ शहर की रक्षा के लिए था, बल्कि नदी के पानी को नियंत्रित करने का भी काम करता था। पत्थरों से बना यह द्वार और इसके सामने बहती Eem नदी का नजारा देखकर हम मंत्रमुग्ध हो गए। पास ही एक स्थानीय दंपति ने हमें देखकर मुस्कुराते हुए फोटो खींचने की पेशकश की। उनकी गर्मजोशी और हमारी हँसती-मुस्कुराती तस्वीरों ने इस पल को और खास बना दिया। कृष्णा जी ने कहा, “यहाँ के लोग कितने प्यारे हैं, बिना कहे ही मदद को तैयार!” 
   Koppelpoort के बाद हम शहर की संकरी गलियों में भटकने लगे। यहाँ की Muurhuizen (Wall Houses) ने हमारा ध्यान खींचा। ये घर 16वीं शताब्दी में शहर की पुरानी रक्षा दीवारों के पत्थरों से बनाए गए थे। हर घर की बनावट, रंग-बिरंगे दरवाजे और छोटी-छोटी खिड़कियाँ इतनी खूबसूरत थीं कि हम रुक-रुककर फोटो खींचते रहे। इन गलियों में चलते हुए ऐसा लगता था जैसे हम किसी पुरानी कहानी का हिस्सा बन गए हों।
   हमारा अगला पड़ाव था Onze-Lieve-Vrouwetoren, जिसे स्थानीय लोग “Lange Jan” (लंबा जॉन) भी कहते हैं। 15वीं शताब्दी में बना यह 98 मीटर ऊँचा टावर नीदरलैंड के सबसे ऊँचे चर्च टावरों में से एक है। हमने हिम्मत जुटाकर इसकी सीढ़ियाँ चढ़ीं।  नहरें, लाल छतों वाले घर, और दूर तक फैली हरियाली—सब कुछ किसी चित्र की तरह था। यह टावर न सिर्फ शहर का प्रतीक है, बल्कि नीदरलैंड के भौगोलिक मापन का केंद्र भी है।
  शहर की नहरों के किनारे टहलते हुए हमने स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिया। एक छोटी-सी दुकान पर हमने poffertjes खाए—ये छोटे, फूले हुए पैनकेक पाउडर शुगर और मक्खन के साथ इतने स्वादिष्ट थे कि कृष्णा जी ने एक और प्लेट मँगवाने की जिद की। नहरों से आती ठंडी हवा और चारों तरफ की शांति ने गर्मी के दिन को भी सुहाना बना दिया।
  Amersfoort का इतिहास सिर्फ इमारतों तक सीमित नहीं। यहाँ का सिनेगॉग, जो 1727 में बना, शहर की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1949 में इसे पुनः पवित्र किया गया। हमने इसे भी देखा और वहाँ की शांति ने मन को गहरे तक छुआ। स्थानीय लोग Amersfoort को “Keistad” (पत्थरों का शहर) कहते हैं, जो इसकी मजबूत पत्थर की संरचनाओं को दर्शाता है।
  दिन ढलने से पहले हमने नहर के किनारे एक बेंच पर बैठकर कॉफी पी और स्थानीय लोगों से गपशप की। एक बुजुर्ग सज्जन ने हमें शहर के पुराने किस्से सुनाए, जैसे कैसे यहाँ कभी व्यापारी नावों से माल लाते थे। उनकी बातों ने शहर को और जीवंत कर दिया। सूर्यास्त के साथ हमारी सैर खत्म हुई, और हम ट्रेन पकड़कर घर लौट आए। थके हुए थे, लेकिन मन खुशी से भरा था।
   यहां आने वाले लोगो के लिये मेरा मशविरा है कि - Amersfoort की सैर के लिए OV-chipkaart जरूर रखें। ट्रेन और बस का सिस्टम बहुत सुगम है। Koppelpoort की तस्वीरें सूर्यास्त के समय सबसे सुंदर आती हैं।
Muurhuizen की गलियों में खो जाना न भूलें, हर कोना फोटो के लिए परफेक्ट है।
गर्मी हो तो पानी की बोतल और टोपी साथ रखें और स्थानीय poffertjes और stroopwafels जरूर चखें।
  Amersfoort, तूने आज हमें अपने इतिहास और खूबसूरती से मोह लिया। जल्दी फिर मिलेंगे, शायद किसी और मौसम में, किसी और कहानी के साथ। तब तक, घुमक्कड़ी जिंदाबाद!
Ram Mohan Rai, 
Amersfoort, Netherlands 🇳🇱. 
12.05.2025
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