कस्तूरबा

*Inner voice*
*राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्वनामधन्य पत्नी माता कस्तूरबा का भी यह 150वा  जन्म जयंती वर्ष है । उनका किसी भी रूप में बापू से कम योगदान न था । खुद गांधी जी ने इस सत्य को अनेक बार स्वीकार किया था । एक साधारण घरेलू महिला क्या कुछ नही कर सकती इसका सुंदर चित्रण कस्तूरबा के जीवन से बेहतर कही नही मिलता है । वे स्वतन्त्रता आंदोलन की महान सैनानी, रचनात्मक कार्यो की अग्रणी कार्यकत्री एवम अपने समूचे परिवार की कुशल मुखिया रही । महात्मा गांधी का राष्ट्रीय आंदोलन में उन्होंने जिस प्रकार उन्होंने बढ़ चढ़ कर सहयोग किया  वह अतुलनीय है* ।
    *शाहीन बाग़ ,दिल्ली मे पिछले लगभग एक माह से भी अधिक समय से महिला सत्याग्रहियों की कार्य प्रणाली , सत्य व अहिंसा के प्रति निष्ठा निसन्देह रूप से उनकी शक्ति का प्रदर्शन करती है* ।
   *संत विनोबा भावे ने इसी शक्ति को स्त्री शक्ति जागरण कहा था । पवनार में ब्रह्म विद्या मंदिर का सरूप ,उनका अद्भुत प्रयोग था । इस आश्रम  का सम्पूर्ण दायित्व उन्होंने इन्ही ब्रह्म वादिनी बहनों को दिया । ईश्वर साक्षी है कि इन बहनों ने जिस सुंदर ढंग से इस मंदिर की व्यवस्था सम्भाली वहीँ अध्यात्म साधना के जरिये इसे ऊंचे आयाम दिए । बाबा विनोबा का महिला स्वावम्बन एवम नेतृत्व का प्रयोग न केवल सिद्ध अपितु सफल भी हुआ* ।
    *मेरी गुरु स्व0 निर्मला देशपांडे जी कहती थी कि 21वीं सदी विज्ञान एवं तकनीक के साथ-2 अध्यात्मिक साधना एवम उससे उपजे प्रयोगों की है । उनका मानना था कि एक साधारण महिला भी वह पुरषार्थ कर सकती है जिसका कोई सानी नही । शाहीन बाग़ की महिलाओं के सत्याग्रह ने इसे चरितार्थ किया है* ।
*कस्तूरबा की जन्म जयंती पर इससे बेहतर कोई श्रद्धांजलि नही हो सकती* ।
राम मोहन राय,
अमृतसर/18.01.2020

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