Our pilgrimage to Shantiniketan in the Centenary year of Tagore's visit of China (Hindi - English)
यात्रा का वजूद: एक विचारधारात्मक और सांस्कृतिक संगम यह यात्रा कई विचारधारात्मक, सामाजिक और सांस्कृतिक धागों से बुनी गई है, जो अलग-अलग पृष्ठभूमियों और अनुभवों से जुड़े लोगों को एक साझा लक्ष्य की ओर ले जाती है। यह यात्रा न केवल एक भौगोलिक सफर है, बल्कि विचारों, संस्कृतियों और इतिहास के प्रति गहरी समझ और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस यात्रा के पीछे की कहानी कई चरणों में विकसित हुई है, जिसमें युवाओं की ऊर्जा, विचारकों का मार्गदर्शन और ऐतिहासिक घटनाओं की प्रासंगिकता शामिल है। 1. युवाओं की विचारधारात्मक प्रतिबद्धता इस यात्रा की शुरुआत दो युवा साथियों, "अर्चिष्मान राजू** और **नंदिता चतुर्वेदी**, के साथ हुई। दोनों ही राजनीतिक और सामाजिक रूप से वैचारिक प्रतिबद्धता रखते हैं। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा अमेरिका के फिलाडेल्फिया में प्राप्त की और वहां **Saturday Free School** से जुड़े। यह संस्था विश्व प्रसिद्ध विचारक और अफ्रीकी-अमेरिकी नेता **डॉ. एंथनी मोंटेरो** के नेतृत्व में काम करती है। डॉ. मोंटेरो के सानिध्य में उन्होंने अपनी वैचारिक समृद्धि को और गहराई से विकसित किया। ...