निंदनीय ट्रेंड और सामाजिक नैतिकता का पतन
निंदनीय ट्रेंड और सामाजिक नैतिकता का पतन आज के दौर में, जहाँ तकनीक और संचार के साधनों ने हमें एक-दूसरे से जोड़ा है, वहीं कुछ निंदनीय प्रवृत्तियाँ भी समाज में अपनी जड़ें जमा रही हैं। देशभर में एक नया ट्रेंड उभर रहा है, जो अश्लीलता, गालियों और असभ्य व्यवहार से भरा हुआ है। यह प्रवृत्ति न केवल हमारी सामाजिक मर्यादाओं को चुनौती दे रही है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और नैतिक नींव को भी हिलाने का काम कर रही है। सबसे दुखद बात यह है कि इस ट्रेंड में न केवल आम लोग, बल्कि समाज के कुछ प्रभावशाली लोग, जैसे राजनेता, भी शामिल हो रहे हैं। यह देखकर मन में निराशा और चिंता दोनों ही उभरती हैं। सबसे अधिक चिंता का विषय है कि इस अश्लीलता और असभ्यता की लहर में माँ, बहन, बेटी जैसे पवित्र रिश्तों को भी नहीं बख्शा जा रहा। यह समाज का वह पतन है, जहाँ हम अपने ही मूल्यों को भूलकर एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं। इससे भी अधिक शर्मनाक है कि कुछ लोग राजनेताओं की पत्नियों या परिवार की महिलाओं के पहनावे को निशाना बनाकर उसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताने लगते हैं। क्या भारतीय संस्कृति केवल कपड़ों तक सीमित है? क्या हमारी स...