बाबा नानक - डॉ मो0 अय्यूब खान

बाबा नानक

वह़दानियत का नग़मा नानक ने जब सुनाया 
तौहीद के चमन का हर फूल मुस्कराया

रौशन हुआ ज़माना सब मिट गए अंधेरे
तौह़ीद की शम्मां को नानक ने फिर जलाया

दुनिया से हट के उनका अन्दाज़ वो निराला
नेकी का सीधा रस्ता नानक ने जो दिखाया

लम्ह़ों में नीस्त कर दी वहम-ओ-गुमां की दुनिया
सूरज का इक भरम था नानक ने जो मिटाया

शाहों के सामने भी सर को निगूं किया न
वह़दानियत का परचम नानक ने जब उठाया

राह-ए-वफ़ा में लुट के कुछ भी ज़यां न पाया
इक सच्चा सौदा कर के नानक ने जो कमाया

बन्दे है सब खुदा के मालिक है एक सब का
ख़ालिक़ है एक सब का सबको सबक़ पढ़ाया

दुनिया से दिल लगाना है काम अह़मक़ो का
इक रब से लौ लगाना नानक ने भी सिखया

दुनिया को घर दुखों का गौतम ने भी कहा था
दुनिया है घर दुखों का नानक ने भी बताया

‘अय्यूब’ हिन्दु मुस्लिम की छोड़ कर सयासत
इंसानियत का रस्ता नानक ने बस दिखया

डॉ  मोहम्मद अय्यूब खान

Comments

Popular posts from this blog

Justice Vijender Jain, as I know

Aaghaz e Dosti yatra - 2024

Gandhi Global Family program on Mahatma Gandhi martyrdom day in Panipat