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Showing posts from April, 2020

विश्व शांति की पुरोधा दीदी निर्मला देशपांडे

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*01 मई को 13 वीं पुण्यतिथि पर विशेष* 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️ *बहन ,साथी और गुरु दीदी निर्मला देशपांडे* (राम मोहन राय)    देश- विदेश के अपने प्रशंसकों, साथियों तथा अनुयायियों में 'दीदी' के नाम से प्रख्यात निर्मला देशपांडे का जन्म 17 अक्टूबर ,1929 को नागपुर (महाराष्ट्र) में प्रसिद्ध चिंतक ,मनीषी व राजनेता माता-पिता श्रीमती विमला बाई देशपांडे तथा श्री पुरुषोत्तम यशवंत देशपांडे के घर हुआ था। उनके पिता जहां इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे, वहीं स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत की संविधान सभा के सदस्य रहे। माता भी मध्य भारत प्रांत की सरकार में मंत्री पद पर आसीन रहीं। बाद में देशपांडे  दंपत्ति ने राजनीति को सदा- सदा के लिए त्याग कर समाज सेवा तथा साहित्य सृजन का महत्वपूर्ण कार्य किया। परिवार में प्रारंभ से ही इतना खुलापन था कि कम्युनिस्ट नेता ई.वी.एस.    नम्बदूरीपाद, श्रीपाद अमृत डांगे, समाजवादी नेता श्री राम मनोहर लोहिया,श्री अच्युत पटवर्धन, आर. एस. एस. के संस्थापक डॉ हेडगवार ,कांग्रेस नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू, पंडित रवि शंकर

त्यागमूर्ति महात्मा हंसराज

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*त्यागमूर्ति महात्मा हंसराज* (लेखक डॉ धर्मदेव विद्यार्थी)              महात्मा हंसराजजी को भारतीय शिक्षा के पुनरुद्वारक के रूप में सदा याद किया जायेगा। इन्होने अपना जीवन शिक्षा के लिए अर्पण कर दिया। जिस शिक्षणालय के माध्यम से इन्होने भारतीय  पुनर्जागरण का शंख बजाया,वह आज  विशाल वट वृक्ष की भान्ति  विस्तार करके भारत का सबसे बड़ा शिक्षा संस्थान बन गया है, जिसका नाम डी.ए.वी. कॉलेज प्रबन्ध समिति है। महात्माजी डीएवी स्कूल के प्रथम प्राचार्य बने और तत्पश्चात् अपनी लोकप्रियता के बल पर इस डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति के प्रधान भी बने। आपने नेतृत्व में इस संस्थान ने स्थान-स्थान  पर डी.ए.वी. विद्यालय और महाविद्यालय खोले।        महात्मा हंसराज का जन्म पंजाब के जिला होशियारपुर के  बजवाड़ा   गाँव में 19 अप्रैल 1864 को हुआ था। इनके पिता काम लाला चुन्नी लाल था  तथा  माता का नाम श्रीमती गणेशी देवी था । इनकी माता बड़ी धर्मपरायण  महिला और कुशल गृहिणी थी। बालक हंसराज के जन्म के साथ  गऊ सेवा का अद्भुत सम्बन्ध है। क्योकि जन्म के समय इनकी  माता गाय को चारा डाल रही थी। जिस कोठरी में गाय थी, उसी कोठरी में ब

हम ईसाई भी हैं !

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*हम ईसाई भी है*  Merry Christmas *ईस्बा!            संत विनोबा भावे ने अपनी ऐतिहासिक व आध्यात्मिक कश्मीर यात्रा के दौरान अनेक प्रश्नों व भ्रांतियों का निराकरण सहज में ही कर दिया । जब वे वेदो और उपनिषदों के मन्त्र ,गीता के श्लोक धाराप्रवाह बोलते तो लोग उनसे पूछते की क्या आप हिन्दू है ? क्योंकि नाम व पहनावे से तो नही लगते । जब कुरान शरीफ़ की आयतें बोलते व उनका तरजुमा करते तो लोग पूछते, क्या   क्या आप मुसलमान है ? पर नाम से तो नही लगते । और फिर जब वे बाइबिल के सरमन बोलते, तो लोगों का सवाल होता कि क्या आप क्रिस्तान है ? भाषा और खानपान से तो नही लगते । जब भी अपनी मस्ती में गुरबाणी का पाठ करते तो लोग ऐसा ही सवाल करते । पर हर बार विनोबा का एक ही तरह का जवाब होता ' हां मैं हिन्दू भी हूं । मुसलमान भी हूं ,ईसाई भी और सिख भी । कई लोग व्यंग्यात्मक पूछते कि क्या नास्तिक भी अथवा कम्युनिस्ट भी ,तो भी वे उसी तपाक से जवाब देते ,जी जरूर मैं नास्तिक भी हूं और कम्युनिस्ट भी ।  मेरी गुरु माँ और संत विनोबा की मानस पुत्री दीदी निर्मला देशपांडे इसे बहुत ही रोचक ढंग से बताती थी कि विनोबा कहते थे कि इस सम

का0 राजेश्वर राव को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण

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*का0 राजेश्वर राव को विनम्र श्रद्धांजलि* ! 9 अप्रैल के दिन आज हम ख्यातिप्राप्त कम्युनिस्ट लीडर , प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानी,चिंतक व लेखक श्री चंद्र राजेश्वर राव की पुण्यतिथि पर हम उन्हें स्मरण कर रहे है । उनका जन्म आन्ध्रप्रदेश (वर्तमान तेलंगाना)के कृष्णा ज़िला में एक बड़े किसान परिवार में हुआ दि0  6 जून ,1914 को हुआ । बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में उनकी शिक्षा दीक्षा हुई और फिर वे अंग्रेज़ी दासता के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई में शामिल हो गए । अनेक वर्षों तक जेल में रहे और भारत की आज़ादी के बाद भी एक नए भारत के निर्माण के लिये जिसमे कोई भूखा ,नँगा व बेकार नही होगा , लग गए । तेलंगाना में किसानों के सशस्त्र संघर्ष जो उनकी ही बिरादरी व वर्ग के अन्याय के खिलाफ था ,उसका नेतृत्व किया । और बाद में कम्युनिस्ट पार्टी के एक कुलवक्ति कार्यकर्ता बन के पार्टी के शीर्षस्थ नेतृत्व में शामिल हुए । इस दौरान उन्हें सौभाग्य रहा अजय घोष, एस ए डांगे, भूपेश गुप्त , ए जी अधिकारी , समर मुखर्जी , इंद्रजीत गुप्त जैसे महान चिंतकों व प्रखर नेताओ के साथ काम करने का । वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 22 वर्षो तक लगातार महासच

पुरानी यादें

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बचपन मे यदि मैं किसी से भी एक नेता से प्रभावित रहा ,वे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री थे । मैं उनके जैसा ही बनना व दिखना चाहता था । अपनी हम उम्र व छोटे बच्चों को इकठ्ठा करता । खुद धोती -कुर्ता पहनता । साथी बच्चे  मेरे गले में सुनहरी माला पहनाते व आसपास तिरंगा झंडा लेकर खड़े होते और मैं शास्त्री जी की तरह अभिवादन स्वरूप हाथ जोड़ कर चलता । हमारे नारे होते : भारत माता ,महात्मा गांधी और ऋषि दयानन्द की जय । #Rajendersharma #surendersharma #Reeta #Gopalsharma

दिया जलाएं, पर सवाल भी जरूर पूछें

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*Inner Voice* (Nityanootan Broadcast Setvice)         श्री नरेन्द्र मोदी हमारे इस विशाल देश जिसमे 130 करोड़ देशवासी निवास करते है ,उसके प्रधानमंत्री है । इसलिये हम उनकी हर बात पर न केवल यकीन करेंगे बल्कि अक्षरशः पालन भी करेंगे । कोई कितना भी उकसाये कि कई दिया  जलाएंगे और कईयों की जलेगी । इसके बावजूद भी हम घर मे आज रात 9 बजे घर की सभी बत्तियों को बंद करके 9 मिनट को मोमबत्ती, दिया ,टॉर्च अथवा मोबाइल फोन की लाइट जरूर ऑन करेंगे ।       पर इसके साथ-२ हम अपने सवाल करने के अधिकार का भी पालन करेंगे और उनसे पूछेंगे कि इस रात को 9 बजे 9 मिनट तक बत्ती जलाने का वैज्ञानिक आधार क्या है ?       प्रधानमंत्री जी ने संविधान की शपथ लेकर कार्य भार सम्भाला है । अपनी शपथ में उन्होंने कहा था *मैं, अमुक, ईश्वर की शपथ लेता हूं / सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा, मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा, मैं... राज्य के मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या

Mata sita Rani Sewa sanstha's offer to DC Panipat

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माता सीता रानी रानी सेवा संस्था ने पानीपत की उपायुक्त श्रीमती हेमा शर्मा को एक पत्र लिखकर कहा है कि वे कोरोना पेशेंट के एकांतवास के लिए उनकी संस्था का मुख्यालय जो सेक्टर 25 पानीपत में निर्मला देशपांडे संस्थान के नाम से जाना जाता है को इस्तेमाल कर सकते हैं।  संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा कांता ने इस आशय का एक पत्र माननीय उपायुक्त को भेजा है।  पत्र में यह भी लिखा है कि इस संकट की घड़ी में संस्था अपने प्रत्येक साधनों से शासन व प्रशासन का साथ देगी । संस्था के मुख्यालय निर्मला देशपांडे संस्थान को आस पास निगरानी केंद्र के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है ।     संस्था पिछले एक सप्ताह से जरूरतमंद लोगों को राशन सप्लाई करने का कार्य कर कर रही है । संस्था के सहयोगी पूर्व न्यायाधीश श्री एलएन जिंदल पंजाब हरियाणा बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष स0 गुरिंदर पाल सिंह एडवोकेट, प्रसिद्ध मनो चिकित्सक डॉ  सुदेश खुराना, इंजिनियर उत्कर्ष राय, पूर्व शिक्षा अधिकारी सरोज बाला गुर,अरूणा सैनी, अंकित गुप्ता, अनिल मित्तल, ममता नागपाल, इमरान, कार्तिक मित्तल, संघमित्रा राय सिन्हा  अनन्या, राम पाल सैनी ,  नीरज ग्

राम नाम मुद मंगलकारी

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*Inner voice*     (Nityanootan Broadcast Service)           मेरे मित्र श्री विश्व दीपक त्रिखा जो कि हरियाणा के एक प्रख्यात सांस्कृतिक कर्मी है, ने मुझ से एक प्रश्न किया कि मेरा तब्लीगीयो के बारे में क्या विचार है ? मैं किसी की भी आस्थाओं को ठेस पहुचाए बिना नम्र निवेदन करना चाहूंगा सिर्फ इन के बारे में ही नही अपितु ऐसे सभी लोगो के बारे में जो हर सम्प्रदाय में हैं के बारे में एक ही विचार है कि ऐसे लोग धर्मांध है जो धर्म की आड़ में लोगों को उसकी अफीम चटाते रहते है ताकि उनकी दुकानदारी चलती रहे और लोग अपनी असली समस्याओं से भटक कर इनके चंगुल में फंसे रहे । ऐसे लोग हर धर्म में है चाहे जो भी हो । मैं अपने इन मित्र को हरियाणा के पंचकूला का उदाहरण देना चाहूंगा जब धर्मांध शिष्यों की भीड़ ने अपने एक गुरु को सजा सुनाए जाने पर उत्पात मचाया था और प्रतिक्रिया स्वरूप 50 मासूम लोगों की जान गई थी । झझर के पास एक आश्रम में क्या कुछ नही हुआ था ? धर्मांध लोग अपने धर्माधिकारी ,गुरु अथवा किसी भी संगठन के कहने पर वे सब कुछ कर सकते है जिसे आप-हम सोच भी नही सकते । आपने किन्ही तीर्थ यात्रियों को देखा होगो जो ल