राष्ट्रहित सर्वोपरि
https://nityanootan.blogspot.com/2021/01/blog-post_28.html 🤝🤝🤝🤝🤝🤝 *राष्ट्रीय एकता सर्वोपरि* । 60 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के 59वें दिन 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर हुई बेअदबी की घटना ने न केवल पूरे किसान आंदोलन को कटघरे में खड़ा कर दिया है वहीं इस आंदोलन की धार को भी कमजोर करने का काम किया है आंदोलन चलते हैं। कभी उतार चढ़ाव होते हैं। यह भी जरूरी नहीं कि हर आंदोलन को जीता ही जाए और उसमें कभी भी हार ना हो । फूट डालो और राज करो, षड्यंत्र और घृणित कृत्य शुरू से ही शासकों के हथियार रहे हैं । क्या प्रजातंत्र में भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल होगा ? आज यह चिंता का विषय है परंतु किसान आंदोलन को विचारधारा की सॉन पर अपने हथियार को तेज कर और अधिक ढंग से लामबंद होना होगा ताकि यह किसानों को विजयी कर सके। लाल किले की घटना ने जहां किसान जत्थेबंदियों की कमी को उजागर किया है, वही सरकारी तंत्र को भी बेनकाब किया है कि वह किस तरह के हथकंडे अपनाकर शांतिपूर्ण अहिंसक आंदोलनों को समाप्त करना चाहते हैं । यदि विरोध समाप्त कर दिया गया तो लोकतंत्र स्वतः ही खत्म हो जाएगा व