बारूद से बोझल सारी फ़िज़ा है ! Inner voice-18 (Nityanootan Broadcast service) 18.07.2019 नॉर्थगेट ,सिएटल(वाशिंगटन) में सैर से लौटते हुए एक बहुत ही खूबसूरत स्थान देखने को मिला ,पता चला कि यह तो कब्रिस्तान cemetery है । लगभग 50-60 एकड़ में फैले इस पार्क नुमा स्थान पर जगह के मुताबिक कब्रे ही कब्रे थी । पर एक जगह एक शिलालेख देख कर रुक गया वहाँ खुदा था कि ये उन अमेरिकी युवा सैनिकों की कब्रे है जो अनेक युद्धों में मारे गए है । जानकारी मिली कि लड़ाइयों में इस देश का लाखों सैनिक मारे गए है ।अमेरिकन गृह युद्ध (1861-65) में 7,50,000 सैनिक,प्रथम विश्व युद्ध (1917-18) में 1,16,516 सैनिक, द्वितीय विश्व युद्ध (1941-45) मे 4,05,399 सैनिक, विएतनाम युद्ध (1961-75) 58,209 सैनिक, कोरियन युद्ध(1950-53) 54,246 सैनिक, इराक युद्ध (2003-2011) 4,497 सैनिक,अफ़ग़ानिस्तान युद्ध (2001 से अबतक) 2,216 सैनिक मारे जा चुके है । जाहिर है इतने अमेरिकी सेनिको की मौत के बाद उनकी कब्रे उनके पैतृक शहरों में ही बनी होगी । पता चला कि अमेरिका के हर छोटे बड़े नगरों ,कस्बो व गांवों के कब्रिस्तान सेनिको की आरामगाहों से पटे है । इस मौक