Posts

Showing posts from February, 2020

सृजन यात्रा

Image
सत्यशोधक फाउंडेशन एवं देस हरियाणा पत्रिका की और से आयोजित एक सृजन यात्रा का पानीपत पहुंचने पर हाली पानीपती ट्रस्ट  तथा उनके सहयोगी अन्य संगठनों ने प्रसिद्ध उर्दू शायर तथा समाज सुधारक ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली की मजार पर एक संगोष्ठी आयोजित कर स्वागत किया गया । इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि हाली पानीपती उर्दू साहित्य के पहले समीक्षक हैं, जिनका उर्दू साहित्य पर गहरा प्रभाव रहा। वह मिर्जा गालिब के अभिन्न मित्रों में से एक थे और उन्होंने अनेक विधाओं में साहित्य रचना की और अपने समाज में जागरूकता का मार्ग प्रशस्त किया। वह विश्व शांति, राष्ट्रीय एकता तथा महिला सशक्तिकरण के समर्थक थे। जिन्होंने अपने साहित्य एवं शायरी के माध्यम से समाज के  जागतिक मुद्दों को उजागर किया। यह नगर न केवल हाली की जन्मभूमि  है अपितु पुण्यभूमि भी है । हाली पानीपती ने संयुक्त पंजाब में लड़कियों का स्कूल खोलकर शिक्षा की  मशाल जलाई। युगो युगो तक उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। यात्रा के संयोजक डॉ सुभाष चंद्र ने कहा कि 29 फरवरी व 1 मार्च  को यह  सृजन यात्रा पानीपत में हजरत बू अली शाह कलंदर व हाली पानीपती  को अपनी

साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज- सरदार भगत सिंह

Image
*साम्प्रदायिक दंगे और उनका  इलाज*        -  *सरदार भगतसिंह* (Nityanootan Broadcast Service) 28. 02.2020          शहीद भगत सिंह ने आजादी से पहले देश में होने वाले सांप्रदायिक दंगों पर अफसोस जाहिर करते हुए जून 1948 में "किरती" नामक अखबार में एक लंबा लेख लिखा था. उन्होंने इन दंगों के लिए नेताओं को जमकर कोसा था. आज भी उनका ये लेख बहुत मौजूं है. लगता है वही हालात आज भी बरकरार हैं. भगत सिंह पर प्रकाशित एक किताब ‘इंकलाब जिंदाबाद’ में इस लेख को संकलित कर प्रकाशित किया गया       भारतवर्ष की दशा इस समय बड़ी दयनीय है. एक धर्म के अनुयायी दूसरे धर्म के अनुयायियों के जानी दुश्मन हैं. अब तो एक धर्म का होना ही दूसरे धर्म का कट्टर शत्रु होना है. यदि इस बात का अभी यक़ीन न हो तो लाहौर के ताज़ा दंगे ही देख लें. किस प्रकार मुसलमानों ने निर्दोष सिखों, हिंदुओं को मारा है और किस प्रकार सिखों ने भी वश चलते कोई कसर नहीं छोड़ी है. यह मार-काट इसलिए नहीं की गई कि फलां आदमी दोषी है, वरन इसलिए कि फलां आदमी हिंदू है या सिख है या मुसलमान है. बस किसी व्यक्ति का सिख या हिंदू होना मुसलमानों द्वारा मारे जा

नागरिक मंच ,पानीपत का ज़िला प्रशासन को साम्प्रदायिक सद्भाव के लिये ज्ञापन

Image
 पानीपत/ 27.02.2020.नागरिक मंच ,पानीपत के तत्वावधान में एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ज़िला बार एसोसिएशन के दो पूर्व अध्यक्षो सर्व श्री सूरत सिंह ,एडवोकेट तथा नकुल सिंह छौकर ,एडवोकेट, हाली पानीपती ट्रस्ट के सचिव ,राम मोहन राय ,एडवोकेट परीक्षित कुमार अहलावत, इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के अध्यक्ष श्री पवन सैनी , राम रतन सैनी, भगत सिंह से दोस्ती मंच के संयोजक दीपक कथूरिया, जनवादी महिला समिति की सह सचिव उपासना वशिष्ठ , माता सीता रानी सेवा संस्था की उपाध्यक्ष नीलम तागड़ा, मजदूर नेता जय भगवान व राजू डाहर , व जतिन चावला , जन कल्याण  सोसाइटी के अध्यक्ष सरदार सतपाल सिंह चौहान , नेम   चंद जैन के नेतृत्व में अतिरिक्त उपायुक्त सुश्री प्रीति आई ए एस से उनके कार्यालय में मिला तथा उन्हें एक ज्ञापन देश मे हो रही हिंसक वारदातों के विरोध में दिया व मांग की कि हम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अन्य स्थानों में फूटी साम्प्रदायिक हिंसा से व्यथित और दुखी हैं तथा वहाँ हुए नकारात्मक घटनाक्रम पर अपनी चिंता और कन्सर्न व्यक्त करते हुए ज़िला पानीपत में शांति, सद्भाव और न्याय के लिए निम्नोक्त अपेक्षायें आपसे करते हैं : 1

सबको सन्मति दे भगवान

Image
सबको सन्मति दे भगवान! 💐💐💐💐 (Nityanootan Broadcast Service)  सोशल मीडिया एवम अन्य समाचारों से खबरें आ रही है कि दिल्ली में साम्प्रदायिक हालात ठीक नही है तथा दंगे होने की स्थिति है । कुछ कह रहे है हिन्दू भारी पड़ेंगे और कुछ मुस्लिमों को  । यह भी समाचार है कि नागरिकता कानून के पक्ष -विपक्ष के लोगों का झगड़ा है जो उन्माद का रूप ले रहा है ।        एक शांति सैनिक होने के नाते मेरा कोई बहुत ज्यादा अनुभव तो नही है ,परन्तु मैने 1982 से 1984 तक के सिख विरोधी माहौल व दंगो को न केवल देखा है अपितु शांति के लिये काम भी किया है । उस समय के दंगों में न तो हिन्दू दंगाई थे और न ही सिख । हां उन्माद जरूर तैयार किया गया था जिसे असमाजिक तत्वों ,लुटेरों तथा शरारती लोगों ने अंजाम दिया । ये तत्व किस धर्म के थे इसकी न तो आज तक किसी ने कोई खोज खबर की और न ही उन्हें पकड़ कर सजा दिलवाई गयी । नेता जरूर गिरफ्त में आये और वे आज भी लम्बी और सुस्त कानूनी प्रक्रिया के कारण बाहर मौज मस्ती कर रहे है । इस बारे में दो राय नही की इन दंगाइयों को पूरी तरह से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था ।        बहुत ही शर्म की बात है

पाकिस्तान नही , जनता की दोस्ती ज़िंदाबाद ।

Image
*भारत-पाकिस्तान जनता की दोस्ती ज़िंदाबाद* । 💐💐💐💐💐💐💐 (Inner voice/ Nityanootan Broadcast Service)          *पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाना न केवल नासमझी है अपितु निंदनीय भी है । इसे लगा कर इसे अंतरराष्ट्रीय वाद के चश्मे से देखना और अपनी उदार दृष्टि और व्यापकता का परिचय देना कदापि नही हो सकता । बेशक हम दोनों देशों की जनता के बीच बेहतर दोस्ताना सम्बन्धो के प्रबल समर्थक है पर इसका मायना यह बिल्कुल भी नही है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे ।यह एक उकसावे के अतिरिक्त कुछ भी नही है । अंध राष्ट्रवाद का मुकाबला किसी भी तरह के अंध अंतरराष्ट्रीय वाद से नही हो सकता ।  किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर जाकर आप बेशक किसी की भी ज़िंदाबाद के नारे लगाओ पर किसी भी जगह अपनी उदारता को, जो बेशक सस्ती लोकप्रियता है का प्रदर्शन करने को समर्थन नही किया जाना चाहिए*।   *अगर कोई नागरिकता कानून का विरोध करने के लिये पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे का उपयोग करे तो यह उसकी नादानी है । ऐसा करके वह उन्हीं ताकतों का अपरोक्ष समर्थन कर रहा है जिन्होंने इस कानून को बना कर पाकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्ता
कस्तूरबा गाँधी के 76वें निर्वाण दिवस पर  निर्मला देशपांडे संस्थान, सेक्टर 25 स्थित हाली अपना स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा बा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सर्वधर्म प्रार्थना का पाठ किया गया व मौन रखा गया। इस अवसर पर स्कूल की मुख्य अध्यापिका श्रीमती प्रिया लूथरा ने कहा कि कस्तूरबा गांधी जी जिन्हें बा के नाम से जाना जाता है, वह नागरिक हक के लिये  लड़ने वाली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थी। उनका जन्म 11 अप्रैल 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका विवाह उस समय की परंपराओं के अनुसार 13 वर्ष की आयु में ही मोहनदास करमचंद गांधी के साथ हो गया था ।परंतु महात्मा गांधी जी की पत्नी होने के अलावा उनकी अपनी भी एक पहचान थी। वह एक दृढ़ आत्मशक्ति वाली महिला व स्वतंत्रता सेनानी थी। उनके गंभीर स्वभाव के कारण सभी उन्हें बा कहकर  पुकारते थे। उन्होंने भी गांधीजी की तरह गरीब और पिछड़े वर्ग के लिए कार्य किया। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों को काम कराने के विरुद्ध आवाज उठाने वाली कस्तूरबा ही थी। इसके विरुद्ध संघर्ष करते हुए  उन्हें जेल भी जाना पड़ा। स्वतंत्रता की लड़ाई  करते हुए जब महात्मा गांधी जेल गए, तब स्व

स्वामी दयानंद की बोध रात्रि

Image
*उत्तिष्ठत जाग्रत* 💐💐💐💐💐 (Nityanootan Broadcast Service) *कल से हम अहमदाबाद में हैं , हाँ वही गुजरात की पूर्व राजधानी । जो काफी नजदीक है काठियावाड़ मोरवी के निकट टंकारा के जहां ऋषिवर दयानंद का जन्म हुआ था । जहाँ आज ही के दिन शिवरात्रि के पर्व पर एक 14 वर्षीय बालक मूलशंकर जो रियासत के दरबारी शिव भक्त क्रष्ण जी तिवारी का पुत्र था , को  बोध हुआ था । उस बालक ने भी इस दिन के महत्व को जान कर पूरे दिन उपवास रख रात्रि को मंदिर में शिवलिंग की पूजा करते हुए जाग कर परमेश्वर प्राप्ति का उद्यम किया था । पर आधी रात होते ही जब सब भक्तजन ऊँघने लगे फिर भी वह जागता रहा शिव प्राप्ति के लिये । पर यह क्या मंदिर के बिल से कुछ चुंहे निकले और लिङ्ग प्रतिमा पर उछल कूद कर उस पर चढ़े फल-मिठाई खाने लगे । और यहीं से उस बालक का भ्रम टूट गया और उसे बोध हुआ कि जो शिव अपनी रक्षा नही कर सकता वह हमारी रक्षा कैसे करेगा ? और तभी घर आकर व्रत तोड़ा और निश्चय किया सच्चे शिव की प्राप्ति का । यही एक ऐसा मोड़ रहा जिसने मूलशंकर को शुद्ध चैतन्य नाम से यात्रा करते हुए दयानंद के मुकाम पर पहुचाया । वह दर-2 भटकते हुए पहुंचा मथु

वारिस पठान मुसलमानो का प्रतिनिधि नही ।

*Inner Voice* ( Nityanootan Broadcast service) आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान का वक्तव्य न केवल नफरत की आग में घी डालने का काम करेगा वहीं उन ताकतों को भी शक्ति देगा जो नफरत , वैमनस्य तथा अलगाव की ही राजनीति करते चले आ रहे हैं । हम यहां किसी को भी देशभक्ति अथवा राष्ट्रद्रोह का प्रमाण पत्र नही देना चाहेंगे अथवा किसी को भी पाकिस्तान भेजने की धमकी देने का वीसा , पर इतना जरूर है कि ऐसे वक्तव्य देश का माहौल खराब करने का काम करते हैं ।      मेरा स्पष्ट मानना है कि मुस्लिम लीग कभी भी आज़ादी से पहले  भारतीय मुसलमानों की आधिकारिक प्रतिनिधि नही थी । संयुक्त पंजाब अथवा बंगाल तक मे जहाँ मुस्लिम बाहुल्य थे वहां भी 1946 के चुनावों में मुस्लिम लीग पराजित हुई थी । इन दोनों प्रान्तों के अतिरिक्त मुस्लिम लीग की कही तक भी मुसलमानो में कोई पैठ नही थी । मुसलमान थे अपने नेताओं बादशाह खान अब्दुल गफ्फार ,मौलाना आजाद ,डॉ अंसारी जैसे नेताओं के साथ । मुस्लिम लीग का पंजाब एवम बंगाल के नेतृत्व को छोड़ कर अन्य प्रान्तों की लीडरशिप भारत विभाजन के खिलाफ थी इसीलिए भारत के बाहुल्

बेंगलुरु में मित्र मिलन

Image
*बेंगलुरु में मित्र मिलन* (Nityanootan Broadcast Service)         आदरणीय भाई सुब्बाराव जी की कुशल क्षेम जानने के लिये मुझे तथा मेरी पत्नी श्रीमती कृष्णा कांता राय को  कर्नाटक प्रदेश की राजधानी बेंगलुरु (बेंगलोर) आने का अवसर मिला । इससे पहले भी वर्ष 2015 में ,जब मेरी छोटी बेटी संघमित्रा यहां रह कर जॉब करती थी तो यहां आया था । उस समय पूजा के दिन थे तथा मैसूर का प्रसिद्ध दशहरा भी देखने का मौका मिला था उंटी जो कि बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है वहाँ भी गए थे । बेटी हमे  इस्कॉन मंदिर के साथ -2 वृंदावन गार्डन भी लेकर गयी थी । हमारे आने की सूचना जैसे ही हमारे पुराने मित्र श्री बी0 जी0 विजय राव जी को मिली  तो वे हमें अपने परिवार सहित एक डिनर पर ले गए तथा अगले पूरे दिन कला की अद्भुत कीर्ति विधानसभा भवन तथा हरिजन सेवक संघ ,कर्नाटक के अनेक कार्यो को दिखाने ले गए जो न केवल अद्भुत है अपितु प्रेरणादायक भी । श्री विजय राव जी स्व0 निर्मला देशपांडे दीदी के अत्यंत निकटस्थ रहे है तथा वर्तमान में दीदी द्वारा स्थापित संगठन अखिल भारत रचनात्मक समाज के राष्ट्रीय महासचिव तथा लघु समाचार पत्रों के राष्ट्रीय म

भाई जी सुब्बाराव ज़िंदाबाद ।

Image
सुब्बाराव जी ज़िंदाबाद 💐💐💐💐💐💐💐 *Nityanootan Broadcast Service*  *बेंगलुरु (कर्नाटक) में पिछले एक माह से स्वास्थ्य लाभ कर रहे प्रसिद्ध गाँधीवादी , स्वतन्त्रता सैनानी तथा राष्ट्रीय युवा परियोजना के संस्थापक निदेशक 92 वें वर्षीय डॉ एस एन सुब्बाराव जी* की मिज़ाजपुर्सी के लिये सपत्नीक यहां आने का मौका मिला । हमें जानकर बेहद प्रसन्नता व सकून का अनुभव हुआ कि शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के बावजूद भी वे मानसिक तौर पर पूर्णतः ठीक है । देश-विदेश में रहने वाले लोगों की उनके प्रति शुभकामनाएं एवम  दुआएं और उनकी खुद की इच्छा शक्ति उन्हें शीघ्र मुक्कमल तौर पर ठीक कर ,24 फरवरी ,2020 को जयपुर (राजस्थान) में होने वाले शिविर में दर्शन लाभ का सौभाग्य देगी ।       भाई जी देशभर में चल रहे हालात से काफी चिंतित है और वे चाहते है कि देश भर में राष्ट्रीय एकता व अखण्डता तथा साम्प्रदायिक सद्भाव के लिये  नागरिक आंदोलन चलाया जाए ताकि राष्ट्रीय आज़ादी की विरासत और संस्कृति की रक्षा की जा सके । उनका मानना है कि भारत माता की जय करने मात्र से ही हम राष्ट्रवादी होने का परिचय नही दे सकते जबतक प्रत्येक भार

दयानन्द और आर्य समाज

Image
*दयानंद व आर्य समाज* (Inner Voice- Nityanootan Broadcast Service)        आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानंद सरस्वती के जन्म दिवस पर हम एक -दूसरे को मुबारक कह सकते है क्योंकि उन्होंने न तो किसी परिवार का पोषण किया ,न कोई मठ या आश्रम बनाया , न स्वयं को किसी गुरु गद्दी पर आरूढ़ किया और न ही किसी गुरु-शिष्य परम्परा की शुरुआत की । उन्होंने एक ऐसा संगठन बनाया जिसके 10 नियम सरभौमिक थे और जो भी इन नियमों को मानता हो वह इसका सदस्य बन सकता है और जब भी इन नियमो से कोई मतभेद हो तो अलग हो सकता है । उनका मत था कि यह संगठन पूर्णतः लोकतांत्रिक रहेगा जिसकी वैधानिक सदस्यता ,नवीनीकरण, चंदा , एवम निर्वाचन होगा । उन्होंने वेदों का भाष्य भी करना चाहा पर वे इसे पूरा न कर सके परन्तु उन्होंने ऋग्वेदादिभाष्य भूमिका ,स्वमन्तव्य प्रकाश आदि ग्रन्थ लिख कर वेदों को ही सत्य विद्याओं की पुस्तक सिद्ध करने का प्रयास किया । उनके द्वारा लिखी पुस्तक *सत्यार्थ प्रकाश* के 14 सम्मुलास में अपने विचारों को लिखा और इसकी भूमिका में लिखा कि भविष्य में यदि उनके विचार में कोई त्रुटि हो तो विद्वान लोग बैठ कर उसमें परिवर्तन कर स

मौलाना आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान, टोंक (राजस्थान)

Image
*मौलाना आज़ाद अरबी-फ़ारसी शोध संस्थान ,टोंक*( राजस्थान) (Nityanootan Broadcast Service)  मेरे पिता *मा0 सीता राम सैनी*   जैन हाई स्कूल ,पानीपत में उर्दू,अरबी व फ़ारसी के टीचर थे । वे बताते थे कि पढ़ने व सीखने  की इच्छा उन्हें बचपन से ही थी । इसीलिये दसवीं तक वे इसी स्कूल में पढ़े । उस समय लोगो के घरों में बिजली नही थी ,ऐसे हालात में भी देर रात तक दीये की रोशनी में पढ़ना एक  आम बात थी । वे ये भी बताते कि घर के आर्थिक हालात भी कोई सम्पन्न नही थे । ऐसे में नजदीक के देवी मंदिर में अर्पित किये गए दियों की रोशनी में वे पढ़ने के लिये जाते थे । मेरे बड़े भाई श्री मन मोहन बहादुर की पढ़ाई तक तो उर्दू की पढ़ाई थी परन्तु हमारे तक आते-२ उर्दू  का खात्मा कर हिंदी -देवनागरी लिपि में पाठ्यक्रम हो गए और हम इस मीठी भाषा से वंचित हो गए । मेरे पिता चाहते थे कि घर मे कोई न कोई तो उर्दू,अरबी और फ़ारसी को सीखे पर वातावरण न होने की वजह से न सीख सके पर हां मेरे बेटे उत्कर्ष को उन्होंने अपना शागिर्द बनाने की कोशिश की परन्तु इतने उनका रुख्सत होने का समय हो गया था । अपने इंतकाल फरमाने की पहली शाम तक उन्होंने अपने पोत

निर्मला देशपांडे संस्था में गांधी श्राद्ध कार्यक्रम

Image
निर्मला देशपांडे संस्थान में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के श्राद्ध दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए गांधी ग्लोबल फैमिली के महासचिव राममोहन राय, हाली अपना स्कूल की मुख्य अध्यापिका प्रिया लूथरा एवं शिक्षिका पूजा सैनी ने कहा कि गांधी जी का जीवन अनुकरणीय है। उन्होंने जैसा किया वैसा ही उनका विचार था । 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में  ने उनकी हत्या हुई और आज के दिन 12 फरवरी को पूरे देश में उनका श्राद्ध दिवस मनाया जाता है। महात्मा गांधी ने केवल भारत के अपितु पूरे विश्व में सत्य प्रेम एवं अहिंसा के पैगंबर थे । वे एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने पूरी मानवता को करुणा का संदेश दिया परंतु उन जैसे संत पुरुष को भी हिंसा का शिकार होना पड़ा।  आज जरूरत इस बात की है कि सब भारतवासी मिल कर देश में अस्पृश्यता, भेदभाव, जातिवाद अमीरी गरीबी की खाई समाप्त करें और एक नया भारत बनाने की तरफ बढ़े। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता एक ऐसी चुनौती है जिससे निपटना आज की जरूरत है। आज तमाम भारतवासियों को मिलकर एक नए भारत के निर्माण के लिए आगे आना होगा । विश्व शांति एवं राष्ट्रीय एकता के लिए हमें बड़े से बड़ा बलिदान

गार्गी कॉलेज ,दिल्ली की घटना हमारी घृणित राजनीति व मानसिकता का आईना

Image
*गार्गी कॉलेज ,दिल्ली की घटना हमारी घृणित मानसिकता व राजनीति का आईना* 😢😢😢😢😢😢😢 ( Inner voice / Nityanootan Broadcast Service)                     वैदिक मंत्रों की द्रष्टा *महर्षि गार्गी* के नाम से, दिल्ली में बने *गार्गी  महिला कॉलेज* में दिनांक 6 फरवरी 2020 को जिस अभद्रता व अश्लीलता का नंगा नाच देखने को मिला,वह न केवल  अकल्पनीय है अपितु घोर निंदनीय है। ऐसी सूचना मिल रही है कि गुंडा तत्व सैकड़ों की संख्या में लड़कियों की कक्षाओं एवं उनकी पनाहगाह हॉस्टल में घुस गए तथा उन्होंने उनके प्राइवेट पार्ट्स को कलंकित किया ,अश्लील हरकतें की तथा उनके सामने हस्तमैथुन कर अपनी वासना को भी दर्शाया। अशोभनीय बात यह है कि यह सभी गुंडे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के पवित्र नाम को लेकर जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। हमें अफसोस होता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी महाराज जिनका नाम लेने मात्र से अनेक दुखों का निवारण होता है, मनुष्य में पवित्रता एवं शुचिता का प्रवेश होता है तथा वातावरण में आध्यात्मिकता का वास होता है, उस नाम को लेकर कोई कैसे ऐसे कर सकता है?      पिछले कुछ

सेवाधाम तीर्थ ,उज्जैन

Image
*सेवाधाम तीर्थ उज्जैन* यात्रा वृतांत (Inner Voice- Nityanootan Broadcast Service) इसे एक महज संयोग नही मान कर ईश्वरीय कृपा माननी चाहिए कि जब -जब किसी तीर्थ पर जाने का अवसर मिलता है तो वहाँ सेवा तीर्थ पर जाने का अवसर लाभ भी मिलता है । गत दिवस बनारस में बेशक यू आर आई की नेशनल असेम्बली में गए थे परन्तु ऐसा कैसे हो सकता था कि वहां जाकर कांशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन न हो । वहां भी गए और फिर दर्शन लाभ मिला अपने मित्र श्री अमृत दासगुप्ता द्वारा संचालित मूक वधिर बच्चों के विद्यालय दर्शन का । अब उज्जैन में एक कार्यक्रम में आने का सुअवसर मिला तो महाकाल के मंदिर में तो गए ही परन्तु सुअवसर मिला श्री सुधीर भाई गोयल द्वारा विकलांग, मूक बधिर, असहाय वृद्ध ,महिलाओं तथा बच्चों के लिये चलाए जा रहे सेवा धाम आश्रम में आने का ।       मेरी आर्य समाजी पृष्टभूमि है परन्तु पिता के उदार सनातनी भाव तथा गुरु निर्मला देशपांडे जी के सानिध्य ने मुझे कठोरता नही दी । इसीलिए न तो मंदिर में जाने में गुरेज है और न ही किसी दरगाह अथवा गुरुद्वारा में जाने में कोई हिचक भाव । मै  मूलतः आस्तिक हूं और मेरा मानना है कि पर

डॉ एस एन सुब्बाराव जी के जन्म दिवस पर विशेष

Image
*जीवेम शरदः शतम* 🎂🎂🎂🎂🎂 (Nityanootan Broadcast Service)       *डॉ एस एन सुब्बाराव जी जिन्हें हम सब प्यार से भाई जी बुलाते है , का आज 92वां जन्मदिन है* । *भाई जी कौन*?      *जिनका जन्म 7 फरवरी 1928 को एक सभ्रांत कन्नड़ परिवार में हुआ तथा जिन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर अपनी वकालत के व्यवसाय, घर बार को छोड़ कर आजीवन देशसेवा व ब्रह्मचर्यत्व का व्रत  स्वतन्त्रता आंदोलन में भाग लिया और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अनेक सत्याग्रहों और आंदोलनों में हिस्सा लेकर कई साल जेल में बिताए* ।          *सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का वह नायक जिन्होंने काँग्रेस सेवा दल के माध्यम से युवाओं की पूरी जमात को अनुशासित व संगठित करने का काम किया* ।       *आज़ादी के बाद भी युवाओ के बीच ही काम करने का संकल्प लिया व जिनके परामर्श से ही भारत के पहले प्रधानमंत्री प0 जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की स्थापना की जो विद्यार्थियों में राष्ट्र निर्माण व सेवा का काम करती है* ।          *जिन्होंने मध्यप्रदेश के चंबल के घने जंगलों में अपना कार्यक्षेत्र बनाया और जिनकी प्रेरणा से हजारों डाकुओं ने आत्म

खुदाई ख़िदमतगार /Khudai Khidmatgar

Image
खुदाई खिदमतगार !            💐💐💐💐💐💐💐💐💐 💐💐💐सम्भवतः यह बात27-28 जुलाई,1987 की है ,दीदी निर्मला देशपांडे के कहने पर मैने पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह जी के निवास पर फोन कर उनसे दीदी की मुलाकात का समय माँगने के लिए किया था । वह मेरे लिये बहुत ही रोमांच करने वाला वाक्या था । ज्ञानी जी  दो एक दिन पहले ही राष्ट्रपति पद से सेवा निवृत हुए थे तथा राष्ट्रपति भवन से अपने नए निवास पर स्थानांतरित हुए थे ।  दीदी ने कहा था कि वहाँ  उनका कोई पी ए फोन उठाएगा तब उनके रेफरेंस से मै समय मांगू । मेरे फोन मिलाने पर उधर से आवाज आने  पर अपना प्रयोजन बताया तो आवाज आई 'मै ही ज़ैल सिंह बोल रीआ  हां '। मेरी तो सिट्टी पिट्टी गुम । खुद ज्ञानी ज़ैल सिंह जी ही बोल रहे थे । मैने फिर हिम्मत जुटाई और अपनी बात कही तो उन्होंनेकहा कि 'यदि टाइम हो तो अभी आ जाओ '। मैने शुक्रिया कह कर फोन रख दिया । सारी बात मैने दीदी को दरयाफ़्त कि तो वे बोली क्या मेरी सचमुच ज्ञानी जी से ही बात हुई है । मैने तो ज्ञानी जी की वाणी को टेलीविज़न पर उनके  राष्ट्रपति रहते 'राष्ट्र के नाम सन्देश ' पर

CAA /NRC/NRP

Image
संशोधित नागरिकता-कानून, जनसँख्या-रजिस्टर (एनपीआर) एवं नागरिकता-रजिस्टर (एनआरसी): एक तथ्यात्मक ब्यौरा (हालाँकि यह पर्चा लम्बा है पर पढ़ें ज़रूर क्योंकि ये मुद्दे सब को प्रभावित करते हैं, किसी को कम, किसी को ज़्यादा।) भाग 1         आसाम समझौता, नागरिकता-कानून में संशोधन एवं आसाम का नागरिकता-रजिस्टर नागरिकता कानून में संशोधन एवं नागरिकता रजिस्टर का विरोध एक कारण से नहीं हो रहा। यह दो कारणों से हो रहा है - उत्तर-पूर्व में अलग कारणों से और शेष देश में अलग कारणों से । दोनों तरह की आलोचनाओं का समाधान ज़रूरी है।  उत्तर-पूर्व के राज्यों में इस का विरोध इसलिए हो रहा है कि इस के चलते अवैध रूप से देश में 2014 तक दाखिल हुए लोगों को भी नागरिकता मिल जायेगी जब कि 1985 में भारत सरकार के साथ हुए आसाम समझौते के तहत केवल 1965 तक आसाम में आए हुए अवैध प्रवासियों को ही नागरिकता मिलनी थी। (मोदी सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल में प्रस्तावित नागरिकता संशोधन कानून का उत्तर-पूर्व राज्यों में भयंकर विरोध हुआ था। इस सशक्त विरोध के चलते मोदी सरकार ने 2019 में पारित कानून के दायरे से उत्तर-पूर्व के कुछ इलाकों को बा